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Monsoon को लेकर IMD ने दी गुड न्यूज़, अगस्त-सितंबर में इन राज्यों में जमकर बरसेगा मॉनसून

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Monsoon को लेकर IMD ने दी गुड न्यूज़, अगस्त-सितंबर में इन राज्यों में जमकर बरसेगा मॉनसून

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Monsoon को लेकर IMD ने दी गुड न्यूज़, अगस्त-सितंबर में इन राज्यों में जमकर बरसेगा मॉनसून

Monsoon 2024 : जून और जुलाई के महीने में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, बिहार और मध्य प्रदेश समेत बड़े मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी का प्रकोप रहा। तापमान कई दिनों तक 50 डिग्री के आसपास पहुंच गया था। अब मॉनसून की मेहरबानी से जुलाई के आखिरी दिनों में पटना, लखनऊ, दिल्ली से लेकर हिमाचल और उत्तराखंड तक में भारी बारिश हो रही है।

अगस्त-सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना

मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगस्त और सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने गुरुवार को बताया कि अगस्त के अंत तक अल-नीना की अनुकूल स्थितियां बन सकती हैं, जिससे बारिश में बढ़ोतरी हो सकती है।

आईएमडी के हेड मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान है, जबकि पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों, पूर्वी भारत से सटे क्षेत्रों, लद्दाख, सौराष्ट्र और कच्छ तथा मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भी कम बारिश होने का अनुमान जताया गया है।

कृषि के लिए मानसून का महत्व

भारत में कृषि के लिए मॉनसून अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि कुल खेती योग्य भूमि का 52 प्रतिशत हिस्सा बारिश पर निर्भर है। आईएमडी ने बताया कि भारत में अगस्त और सितंबर के दौरान 422.8 मिमी की दीर्घावधि औसत का 106 प्रतिशत वर्षा होगी। जून से अब तक 453.8 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से दो प्रतिशत अधिक है।

जुलाई में बारिश का हाल

जुलाई में सामान्य से नौ प्रतिशत अधिक बारिश हुई, जबकि मध्य क्षेत्र में 33 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, मध्य भारत के हिस्सों में अच्छी बारिश से कृषि को लाभ हो रहा है। मध्य भारत कृषि के लिए मानसून की वर्षा पर बहुत अधिक निर्भर है।

पूर्वोत्तर और उत्तरी क्षेत्रों में बारिश की कमी

पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में कम बारिश हुई है। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 35 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है। हालांकि, यह कमी अब अगस्त और सितंबर में पूरी हो सकती है।

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