News

High-Speed Road Corridors : 50,000 करोड़ रुपये की लागत से देश में बनेंगे 8 हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर

×

High-Speed Road Corridors : 50,000 करोड़ रुपये की लागत से देश में बनेंगे 8 हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर

Share this article
High-Speed Road Corridors
High-Speed Road Corridors

High-Speed Road Corridors ,नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार ने एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के तहत आठ हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिनकी कुल लागत 50,655 करोड़ रुपये होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी दी।

953 किलोमीटर की लंबाई वाले मार्ग

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत आठ प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों को शामिल किया गया है, जिनकी कुल लंबाई 953 किलोमीटर होगी। इस निवेश से लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार, ट्रैफिक की भीड़भाड़ कम करने और देशभर में कनेक्टिविटी बढ़ाने का लक्ष्य है।

परियोजना के लाभ

  • आगरा-ग्वालियर: यात्रा का समय 50% कम हो जाएगा, जिससे यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाया जाएगा।
  • खड़गपुर-मोरेग्राम: पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्व की अर्थव्यवस्था में बदलाव आएगा।
  • कानपुर रिंग रोड: कानपुर के आसपास राजमार्ग नेटवर्क को सुव्यवस्थित किया जाएगा।
  • रायपुर-रांची कॉरिडोर: झारखंड और छत्तीसगढ़ के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
  • थराद-अहमदाबाद: गुजरात में उच्च स्पीड रोड नेटवर्क पूरा होगा, जिससे बंदरगाह कनेक्टिविटी और रसद लागत में कमी आएगी।
  • गुवाहाटी रिंग रोड: उत्तर-पूर्व क्षेत्र में निर्बाध पहुंच की सुविधा मिलेगी।
  • अयोध्या रिंग रोड: अयोध्या की यात्रा और तेज हो जाएगी, जिससे राम मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुविधा बढ़ेगी।
  • पुणे-नासिक: 8-लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर लॉजिस्टिक समस्याओं का समाधान करेगा।

महत्वपूर्ण परियोजना विवरण

  • कानपुर रिंग रोड: 47 किलोमीटर का 6-लेन एक्सेस-नियंत्रित खंड 3,298 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होगा।
  • रायपुर-रांची: पत्थलगांव और गुमला के बीच 4-लेन सड़क का निर्माण 4,473 करोड़ रुपये की लागत से होगा।

भविष्य की योजना और कनेक्टिविटी

इस परियोजना के पूरा होने से उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच माल ढुलाई के लिए लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा। यह परियोजना प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर लंबी दूरी के यातायात को शहर से आने वाले यातायात से अलग करने में भी मदद करेगी।

यह विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना देश के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है और इससे भारतीय सड़क नेटवर्क में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेगा।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now