Barish Kab Hogi: देश के अधिकांश हिस्सों में गर्मी के प्रचंड थपेड़े झेल रहे लोगों के लिए भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने राहत की खबर दी है। इस साल मानसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है। आईएमडी के अधिकारियों के अनुसार, उत्तर और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में मानसून का असर कम देखने को मिल सकता है, जिससे वहां गर्मी का प्रकोप जारी रह सकता है।
जून से सितंबर के बीच सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान
आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने जानकारी दी है कि जून से सितंबर के बीच देशभर में औसत (एलपीए) 106 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि इस साल बारिश की मात्रा सामान्य से अधिक रहेगी। हालांकि, कुछ राज्यों जैसे जम्मू कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश का अनुमान है।
दिल्ली-यूपी में कैसी होगी मानसूनी बारिश
दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना है। आईएमडी प्रमुख के अनुसार, इन क्षेत्रों में बारिश का औसत एलपीए का 92 से 108 प्रतिशत हो सकता है, जो सामान्य श्रेणी में आता है। इससे इन राज्यों में किसानों और स्थानीय निवासियों को राहत मिल सकती है।
पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से कम बारिश का अनुमान
पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है। ओडिशा और इससे सटे पश्चिम बंगाल के गंगा के क्षेत्र, दक्षिण छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तरी राज्यों के कई हिस्सों में सामान्य से कम बारिश की संभावना है। यह स्थिति इन क्षेत्रों के किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि कृषि मुख्य रूप से मानसूनी बारिश पर निर्भर करती है।
कृषि क्षेत्र पर असर
बारिश के अनुमान का कृषि क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। जिन राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, उनमें राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड और ओडिशा शामिल हैं। इन राज्यों में अच्छी बारिश से फसलों की पैदावार बढ़ सकती है, जिससे किसानों को लाभ होगा।
बारिश की श्रेणियों का वर्गीकरण
आईएमडी के अनुसार, यदि बारिश एलपीए का 90 प्रतिशत से कम होती है, तो उसे कम बारिश माना जाता है। 90 से 95 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य से नीचे, 96 से 104 प्रतिशत के बीच सामान्य और 105 से 110 प्रतिशत के बीच सामान्य से अधिक बारिश मानी जाती है। इस वर्ष का अनुमानित औसत 106 प्रतिशत होने से देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है।
मध्य और दक्षिण भारत में जमकर बरसेंगे मेघ
मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। आईएमडी के अनुमान के अनुसार, इन क्षेत्रों में एलपीए का 94 से 106 प्रतिशत बारिश हो सकती है। यह खबर इन क्षेत्रों के किसानों और निवासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि अच्छी बारिश से फसलों की पैदावार और जल संसाधनों में वृद्धि होगी।
अभी कहां पहुंचा मानसून
आईएमडी के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून बंगाल की खाड़ी के दक्षिण और पूर्व मध्य के अधिकांश हिस्सों तक बढ़ गया है। अगले पांच दिनों में मानसून के दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों में, केरल और तमिलनाडु एवं पुडुचेरी के कुछ हिस्सों तथा बंगाल की खाड़ी एवं पूर्वोत्तरी राज्यों के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ने की अनुकूल स्थितियां बनी हुई हैं। यह संकेत देता है कि मानसून तेजी से पूरे देश में फैल रहा है और जल्द ही सभी क्षेत्रों में बारिश की शुरुआत हो सकती है।
मानसून के प्रभाव और तैयारी
मानसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान होने से कई क्षेत्रों में संभावित बाढ़ और जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहना होगा और आपातकालीन तैयारियों को मजबूत करना होगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल निकासी व्यवस्था को सुधारने और सुरक्षित करने की आवश्यकता है।
आईएमडी का सुझाव
आईएमडी ने सुझाव दिया है कि इस वर्ष मानसूनी बारिश की अधिकता को ध्यान में रखते हुए, कृषि और जल प्रबंधन में सतर्कता बरतनी चाहिए। किसानों को सलाह दी गई है कि वे समय पर बीज बोने और जल संरक्षण के उपाय करें। जल संसाधनों का सही प्रबंधन और उपयोग सुनिश्चित करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।