Monsoon 2024 in India: गुरुवार, 30 मई 2024 को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल के तट और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में दस्तक देकर देशवासियों को तपती गर्मी से राहत प्रदान की। यह भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की भविष्यवाणी से एक दिन पहले ही हुआ है, जिसने पहले 31 मई को मानसून के आगमन का अनुमान लगाया था।
केरल में मॉनसून का सामान्य आगमन
केरल में मॉनसून का सामान्य आगमन 1 जून को होता है। इस साल, मॉनसून की जल्दी एंट्री को चक्रवात रेमल के प्रभाव से जोड़ा जा रहा है, जो 28 मई को बंगाल की खाड़ी में आया था।
चक्रवात रेमल का प्रभाव
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि चक्रवात रेमल ने बंगाल की खाड़ी में मानसून के प्रवाह को खींच लिया, जिससे यह समय से पहले केरल पहुंच गया।
पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून
पूर्वोत्तर भारत में, मॉनसून आमतौर पर 5 जून तक आता है। इस साल, यह पहले ही कुछ हिस्सों में पहुंच चुका है और बाकी क्षेत्रों में भी जल्द ही दस्तक देने की उम्मीद है।
उत्तर भारत में मॉनसून की संभावित तिथि
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि जून के अंत तक मॉनसून दिल्ली में दस्तक दे सकता है। आमतौर पर, यह 27 जून के आसपास राजधानी में पहुंचता है।
अन्य राज्यों में मॉनसून
बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों और गुजरात के कुछ हिस्सों में मॉनसून का सामान्य आगमन 10 जून को होता है।
IMD महानिदेशक का बयान
IMD महानिदेशक एम मोहापात्र ने कहा, “भीषण चक्रवात के कारण मॉनसून की बंगाल की खाड़ी की शाखा काफी सक्रिय है। इसने क्षेत्र पर मॉनसून के बहाव को खींच लिया है। बीते दो दिनों से पूर्वोत्तर के राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है। साथ ही बीते दो दिनों से केरल में भी मॉनसून के आने के संकेत मजबूत हो रहे हैं।”
मानसून आगमन की घोषणा
IMD केरल में मानसून के आगमन की घोषणा तब करता है जब:
- 10 मई के बाद किसी भी समय केरल के 14 केंद्रों और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी या उससे अधिक वर्षा होती है।
- आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (OLR) कम होता है।
- हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिमी की ओर होती है।