चौलाई की खेती कैसे करेंः गर्मी की तपिश में जब बाजार में हरी सब्जियों की किल्लत होती है, उस वक्त चौलाई बाजार में रंगत भर देती है। पौष्टिक तत्वों से भरपूर यह हरी पत्तेदार सब्जी न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि कम लागत में अधिक मुनाफा भी देती है। यही वजह है कि युवा किसान आनंद मौर्य चौलाई की खेती को आय का बेहतरीन जरिया मानते हैं।
बाराबंकी के मसौली ब्लाक के पल्हरी गांव में रहने वाले आनंद मौर्य पारंपरिक खेती के साथ-साथ सालों से चौलाई की खेती कर रहे हैं। दो बीघे में फैली चौलाई की फसल उन्हें हर महीने 50 से 60 हजार रुपये का मुनाफा देती है।
चौलाई की खेती के फायदे:
- कम समय में तैयार: चौलाई 25 से 30 दिनों में ही तैयार हो जाती है, जिससे किसान जल्दी फसल बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
- कम लागत: इसकी खेती में पानी और खाद की कम जरूरत होती है, जिससे लागत कम होती है।
- अधिक मुनाफा: बाजार में चौलाई की अच्छी मांग है, जिससे किसानों को अच्छे दाम मिलते हैं।
- पौष्टिक तत्वों से भरपूर: चौलाई में प्रोटीन, विटामिन और खनिज तत्वों की भरपूर मात्रा होती है, जो इसे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक बनाती है।
चौलाई की खेती कैसे करें:
- जलवायु और मिट्टी: चौलाई गर्म और उमस भरी जलवायु में अच्छी तरह से उगती है। इसे रेतीली-दोमट मिट्टी में उगाया जा सकता है।
- बुवाई का समय: गर्मी के मौसम में फरवरी-मार्च और जुलाई-अगस्त में चौलाई की बुवाई की जा सकती है।
- बीज: चौलाई के बीज बाजार में आसानी से मिल जाते हैं।
- तरीका: चौलाई के बीजों को छिड़ककर या रोपकर बोया जा सकता है।
- खाद और पानी: चौलाई को ज्यादा खाद और पानी की जरूरत नहीं होती है। खाद के लिए गोबर की खाद का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सिंचाई: बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए, और बाद में आवश्यकतानुसार पानी देना चाहिए।
- निराई-गुड़ाई: खरपतवारों को नियमित रूप से निकालते रहना चाहिए।
- कटाई: बुवाई के 25 से 30 दिनों बाद चौलाई की कटाई की जा सकती है।
चौलाई की खेती न केवल किसानों के लिए लाभदायक है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यदि आप भी गर्मी के मौसम में मुनाफे की फसल उगाना चाहते हैं, तो चौलाई की खेती एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
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कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- अच्छी किस्म का बीज: हमेशा अच्छी किस्म के बीजों का इस्तेमाल करें।
- समय पर बुवाई: समय पर बुवाई करने से अच्छी पैदावार मिलती है।
- खरपतवार नियंत्रण: खरपतवारों को समय पर निकालते रहना चाहिए।
- रोग और कीटों से बचाव: चौलाई में कुछ रोग और कीट लग सकते हैं, जिनसे बचाव के लिए उचित उपाय करें।
चौलाई की खेती से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।