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MSP Hike: धान की MSP 2300 रुपये प्रति क्विंटल तय, बाकी फसलों का भी देख लीजिये न्यूनतम समर्थन मूल्य

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MSP Hike: धान की MSP 2300 रुपये प्रति क्विंटल तय, बाकी फसलों का भी देख लीजिये न्यूनतम समर्थन मूल्य

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MSP Hike, नई दिल्ली, 16 जून 2024: केंद्र सरकार ने आज 2024-25 के लिए खरीफ सीजन की 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने और उनकी आय में वृद्धि करने के लिए लिया गया है।

एमएसपी में वृद्धि का विवरण:

  • धान: 2300 रुपये प्रति क्विंटल (पिछले सीजन की तुलना में 117 रुपये अधिक)
  • तूर: 7550 रुपये प्रति क्विंटल (पिछले सीजन की तुलना में 550 रुपये अधिक)
  • उड़द: 7400 रुपये प्रति क्विंटल (पिछले सीजन की तुलना में 450 रुपये अधिक)
  • मूंग: 8682 रुपये प्रति क्विंटल (पिछले सीजन की तुलना में 124 रुपये अधिक)
  • मूंगफली: 6783 रुपये प्रति क्विंटल (पिछले सीजन की तुलना में 406 रुपये अधिक)
  • कपास: 7121 रुपये प्रति क्विंटल (पिछले सीजन की तुलना में 501 रुपये अधिक)
  • ज्वार: 3371 रुपये प्रति क्विंटल (पिछले सीजन की तुलना में 191 रुपये अधिक)
  • बाजरा: 2625 रुपये प्रति क्विंटल (पिछले सीजन की तुलना में 125 रुपये अधिक)
  • मक्का: 2225 रुपये प्रति क्विंटल (पिछले सीजन की तुलना में 135 रुपये अधिक)

कुल एमएसपी भुगतान में वृद्धि:

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एमएसपी में वृद्धि से किसानों को कुल 2 लाख करोड़ रुपये का भुगतान होगा, जो पिछले सीजन के 1.65 लाख करोड़ रुपये से 35,000 करोड़ रुपये अधिक है। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी और उन्हें अपनी फसलों का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद करेगी।

सरकार का लक्ष्य:

वैष्णव ने कहा कि सरकार का लक्ष्य किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करना और उनकी आय में वृद्धि करना है। उन्होंने कहा कि एमएसपी में वृद्धि इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

एमएसपी पर खरीद:

वैष्णव ने कहा कि धान और अन्य मोटे अनाजों की सरकारी खरीद एफसीआई और राज्यों की एजेंसियों द्वारा की जाएगी। दलहन और तिलहन की खरीद नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Nafed) और स्मॉल फार्मर्स एग्री बिजनेस कंसोर्टियम (SFAC) द्वारा की जाएगी। कपास की खरीद कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) द्वारा की जाएगी।

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