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भीषण गर्मी से जूझते उत्‍तर भारत को आज मिलेगी राहत! दिल्‍ली में भी बदला मौसम

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भीषण गर्मी से जूझते उत्‍तर भारत को आज मिलेगी राहत! दिल्‍ली में भी बदला मौसम

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उत्तर और पूर्वी भारत के बाशिंदे बुधवार को भीषण गर्मी से उबल उठे। मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से आगामी दिनों में थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि यह राहत मामूली ही होगी। दूसरी ओर, मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती नजर आ रही हैं। 12 से 18 जून के बीच मानसून की गति में कोई खास तेजी नहीं आई, जिससे उत्तर भारत में बरसात का इंतजार और लंबा हो गया है। इस क्षेत्र में अधिकतम तापमान 43 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जिसमें दिल्ली भी शामिल है, जहां पिछले दो दिनों में हीटस्ट्रोक के मामलों में इजाफा हुआ है और कई मौतें भी हुई हैं।

वेस्‍टर्न डिस्‍टर्बेंस की आहट

दिल्ली में पिछले 14 वर्षों की सबसे गर्म रात दर्ज की गई, जिसमें न्यूनतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा। आईएमडी के मुताबिक उत्तर प्रदेश, दक्षिणी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब, ओडिशा, झारखंड, बिहार और जम्मू डिविजन में भीषण गर्मी का प्रकोप बना हुआ है। हालांकि, एक ताजा वेस्‍टर्न डिस्‍टर्बेंस से उत्तरी क्षेत्र में उच्च तापमान से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। दिल्ली में 20 जून को हल्की बारिश की संभावना है।

देहरादून में राहत की बौछार

बुधवार को देहरादून सहित उत्तराखंड के कई हिस्सों में लंबे समय बाद हल्की बारिश हुई। देहरादून का अधिकतम तापमान, जो बुधवार दोपहर तक 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, बारिश के साथ तेजी से गिर गया। मौसम विभाग के अनुसार, बारिश के कारण राज्य के मैदानी इलाकों में तापमान 2-4 डिग्री और पहाड़ी इलाकों में 4-6 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।

भीषण गर्मी के परिणाम

हरियाणा के नूंह में अधिकतम तापमान 45.3 डिग्री सेल्सियस, फरीदाबाद में 45 डिग्री सेल्सियस जबकि गुरुग्राम में 43.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। चंडीगढ़ में भी अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस रहा। पंजाब के संगरूर में 44.8 डिग्री सेल्सियस जबकि पठानकोट में 44.3 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। भीषण गर्मी के कारण लोग पानी के लिए जूझ रहे हैं, जलाशयों और नदियों में भंडारण स्तर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिससे सिंचाई के लिए पानी की कमी हो गई है और कुछ क्षेत्रों में खेती प्रभावित हो रही है।

बिजली की मांग और गर्मी का प्रकोप

बिजली ग्रिड भारी दबाव में हैं और शॉर्ट सर्किट और आग की घटनाओं में वृद्धि हुई है। हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और जम्मू कश्मीर प्रभावित राज्य हैं। डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार, लंबे समय तक चलती तीखी गर्मी के बीच बिजली की भारी खपत ने बुधवार दोपहर को दिल्ली की बिजली की चरम मांग को 8656 मेगावाट के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा दिया। एयर कंडीशनर और बाकी कूलिंग इक्विपमेंट्स के प्रयोग में वृद्धि के कारण कूलिंग लोड में भी इजाफा हुआ है और बिजली की मांग में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।

हीटस्‍ट्रोक से हुई मौतें

दिल्ली में 12 मई से तापमान 40 डिग्री से ऊपर बना हुआ है। इन 36 दिनों में, शहर ने 16 दिन ऐसे देखे जब पारा 45 डिग्री तक पहुंचा या उससे आगे निकल गया। गर्मी के कारण जल संकट गहरा गया है और दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में हीटस्ट्रोक और थकावट की शिकायत वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पिछले दो दिनों में 22 रोगियों को भर्ती किया गया जबकि पांच मौतें हुई हैं और 12 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। सफदरजंग अस्पताल में कुल 60 हीटस्ट्रोक के मामले सामने आए हैं, जिनमें 42 मरीज भर्ती हैं और छह लोगों की मौत की खबर है।

इस प्रकार, गर्मी का कहर जारी है और लोगों को इससे निजात पाने के लिए हर संभव प्रयास करना पड़ रहा है। अगर वेस्‍टर्न डिस्‍टर्बेंस की कृपा बरसे तो थोड़ी राहत मिल सकती है, वरना गर्मी का यह प्रकोप यूं ही जारी रहेगा।

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