Bijli Bill : उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब बिजली बिल हिंदी में जारी किए जाएंगे। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) को उपभोक्ताओं के अधिकारों की याद दिलाते हुए कहा है कि बिजली बिल हिंदी में ही बनाए और भेजे जाएं।
उपभोक्ताओं का अधिकार
ऊर्जा मंत्रालय ने 22 फरवरी को उपभोक्ताओं के अधिकारों से जुड़ी एक अधिसूचना जारी की थी। इसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि बिजली बिल सरल भाषा में और स्थानीय भाषा में जारी किए जाएं। यूईआरसी के निदेशक-तकनीकी प्रभात ध्यानी ने बताया कि यूपीसीएल को 27 मार्च को ही इस संबंध में निर्देश दिए गए थे।
उपभोक्ताओं की शिकायतें
हालांकि, इसके बावजूद कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि उन्हें अब भी बिजली बिल अंग्रेजी में ही भेजे जा रहे हैं। उपभोक्ताओं ने खराब प्रिंटिंग और बिल का विवरण समझने में कठिनाई की भी शिकायत की।
बिजली बिल को लेकर परेशान हैं उपभोक्ता
–उपभोक्ता प्रशांत धस्माना ने गुरुवार को ‘हिन्दुस्तान’ से कहा कि बिजली के बिल में बस इतना ही समझ आया कि इस महीने उनको 187 यूनिट के 1237 रुपये जमा करने हैं।
सुशील सैनी ने बताया कि अब 12 महीने में 14 बिल दिए जा रहे हैं और हर बिल पर फिक्स चार्ज अलग से वसूला जा रहा है।
–देवेश शर्मा कहते हैं कि इस बार 25 दिन का बिल थमाया गया।
–पुष्कर बुटोला ने बताया कि अभी फिक्स चार्ज सत्तर रुपये प्रति किलोवाट प्रतिमाह है। यदि किसी महीने दो बिल आते हैं तो अगले बिल में एडजस्ट करने की बात कही जाती है।
–भुवन शर्मा ने यूपीसीएल से पूछा है कि जब प्रति यूनिट का आकलन होता है तो फिक्स चार्ज और फ्यूल चार्ज क्यों?
–राज थपलियाल और योगम्बर ने जानना चाहा कि मीटर लगाते समय सिक्योरिटी ली जाती है तो हर माह अतिरिक्त सिक्योरिटी डिपोजिट का क्या मतलब?
–सतीश गोयल ने बिल की प्रिंटिंग पर सवाल उठाए। जबकि, यह बिल पते का प्रमाण समेत अनेक जगह काम आता है।
–भीम सिंह करासी की मांग है कि यूपीसीएल को बिजली बिल हिंदी में देना चाहिए।
आयोग की प्रतिक्रिया
आयोग ने माना कि बिजली बिल का विवरण जानना हर उपभोक्ता का अधिकार है। इस संदर्भ में यूपीसीएल को दोबारा पत्र भेजा गया है। आयोग ने यूपीसीएल से स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अप्रैल-मई के बिल अंग्रेजी में भेजने पर नाराजगी जताई है।
उपभोक्ताओं के लिए राहत
यूईआरसी के इस कदम से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। अब वे अपने बिजली बिल का विवरण आसानी से समझ सकेंगे। यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को यह आशा है कि अब उन्हें उनके बिल हिंदी में ही मिलेंगे, जिससे वे अपने खर्चों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और किसी भी असुविधा से बच सकेंगे।