कल का मौसम 17 जुलाई 2024 (Kal Ka Mausam 17 July 2024): दक्षिण ओडिशा और उसके आसपास के इलाकों में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह क्षेत्र समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। मानसून की रेखा जैसलमेर, कोटा, गुना, मंडला, राजनांदगांव, दक्षिण ओडिशा के केंद्र से होकर गुजरते हुए बंगाल की खाड़ी तक पहुंच रही है। मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में भी एक गर्त के रूप में पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जो समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर 72 डिग्री पूर्व देशांतर से 32 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में स्थित है।
देशभर में मौसमी हलचल
पिछले 24 घंटों में देश के विभिन्न हिस्सों में विविध मौसमी गतिविधियाँ दर्ज की गई हैं। गोवा, तटीय कर्नाटक, और केरल में मध्यम से भारी बारिश के साथ कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश हुई है। इसके अलावा, कोंकण और गोवा, तेलंगाना, दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश और गुजरात में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी देखी गई है।
अगले 24 घंटों की संभावित मौसम गतिविधियाँ
आने वाले 24 घंटों के दौरान, कोंकण और गोवा, दक्षिण गुजरात, और तटीय कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश के साथ कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश की संभावना है। केरल, विदर्भ, मराठवाड़ा, दक्षिणी छत्तीसगढ़, दक्षिणी मध्य प्रदेश, और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
मौसम की विस्तृत जानकारी
मुख्य क्षेत्रों में बारिश की संभावना:
क्षेत्र | बारिश की स्थिति |
---|---|
कोंकण और गोवा | मध्यम से भारी |
दक्षिण गुजरात | मध्यम से भारी |
तटीय कर्नाटक | मध्यम से भारी |
केरल | हल्की से मध्यम |
विदर्भ | हल्की से मध्यम |
मराठवाड़ा | हल्की से मध्यम |
दक्षिणी छत्तीसगढ़ | हल्की से मध्यम |
दक्षिणी मध्य प्रदेश | हल्की से मध्यम |
तेलंगाना | हल्की से मध्यम |
उत्तराखंड | हल्की से मध्यम |
उत्तर प्रदेश | हल्की से मध्यम |
बिहार | हल्की से मध्यम |
झारखंड | हल्की से मध्यम |
राजस्थान | हल्की से मध्यम |
लद्दाख | हल्की |
जम्मू कश्मीर | हल्की |
गंगीय पश्चिम बंगाल | हल्की |
रायलसीमा | हल्की |
तमिलनाडु | हल्की |
दिल्ली | हल्की |
पंजाब | हल्की |
हरियाणा | हल्की |
अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ
- निम्न दबाव क्षेत्र: 19 जुलाई के आसपास पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र विकसित होने की संभावना है।
- चक्रवाती परिसंचरण: दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान और उसके आस-पास के इलाकों में समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।
- गर्त: दक्षिण गुजरात तट से उत्तरी केरल तट तक एक गर्त बना हुआ है।
अधिक जानकारी और नवीनतम अपडेट के लिए मौसम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
यहां दी गई जानकारी मौसम के अनुसार बदल सकती है, इसलिए अपने स्थान के लिए सटीक पूर्वानुमान के लिए नियमित रूप से अपडेट प्राप्त करें।
विस्तृत जानकारी के लिए:
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इस प्रकार, कल यानी 17 जुलाई 2024 को देशभर में बारिश और मौसम की स्थिति विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग रहने की संभावना है। लोग मौसम विभाग की सलाह का पालन करें और सुरक्षित रहें।