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Monsoon 2024 : टिटहरी के अंडे दे रहे हैं बारिश का संकेत; इस बार मानसून कितना बरसेगा?

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Monsoon 2024 : टिटहरी के अंडे दे रहे हैं बारिश का संकेत; इस बार मानसून कितना बरसेगा?

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Monsoon 2024 Update, जयपुर ग्रामीण, जैतपुर खींची: मौसम विभाग के आकलन के अनुसार, इस साल मानसून में झमाझम बारिश होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून 31 मई से 1 जून के आसपास केरल पहुंचने का अनुमान है। इसके बाद ही अन्य राज्यों के लिए मानसून की गति निर्धारित होगी। राजस्थान में, मानसून 25 जून से 6 जुलाई के बीच पहुंचने की संभावना है, हालांकि इसमें बदलाव संभव है।

22 राज्यों से गुजरने के बाद ही मानसून राजस्थान पहुंचेगा। मौसम विभाग के साथ-साथ प्रकृति में पाए जाने वाले जीव-जंतु भी भविष्यवाणी करने में सहायक होते हैं। लोक मान्यताओं के अनुसार, टिटहरी द्वारा अंडे देना बारिश के संकेत के रूप में माना जाता है। किसान भी इन संकेतों के आधार पर अपनी खेती की तैयारी करते हैं।

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टिटहरी पक्षी कितने अंडे देती है, उसी अनुपात में बारिश होती है। टिटहरी के अंडों से अनुमान लगाया जा रहा है। ऊंचाई वाले स्थानों पर टिटहरी पक्षी अंडे देने, अंडों के स्थान, उनकी संख्या, निचले स्तर पर या मिट्टी खोदकर अंडे देने के विश्लेषण के आधार पर निष्कर्ष निकाला जाता है।

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टिटहरी के अंडों से बारिश का अनुमान:

  • अंडे देने का स्थान: यदि टिटहरी पक्षी ऊंचे स्थान पर अंडे देती है तो बारिश तेज होती है। यदि टिटहरी निचले स्थान पर अंडे देती है तो उस साल कम बारिश होती है।
  • अंडों की संख्या: अंडों की संख्या चार हो तो 4 माह बारिश का अनुमान लगाया जाता है।
  • अंडों का मुंह: अंडों का मुंह नीचे की ओर होने पर अच्छी बारिश होने का अनुमान लगाया जाता है।

इस बार बारिश का अनुमान:

इस बार ग्रामीण क्षेत्र में अलग-अलग जगह पर देखे गए टिटहरी पक्षी के अंडों की संख्या में चार का होना बारिश के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है। अंडों का मुंह नीचे की ओर है जिससे चार माह अच्छी बारिश का अंदाज लगाया जा रहा है।

टिटहरी पक्षी का अद्भुत मातृत्व:

टिटहरी पक्षी अपने अंडे खुली जगह में देता है। मई व जून माह की तेज गर्मी से बचाव के लिए हर कोई छांव का सहारा लेता है। ऐसे में भी टिटहरी सूर्य की तेज आग उगलती गर्मी को सहन करते हुए अपने अंडों को तेज धूप से बचाने के लिए हमेशा धूप में उनको अपनी मातृत्व छाया उपलब्ध करवाता है। तेज गर्मी को खुद सहन करके अपने अंडों को सुरक्षित रखता है।

ग्रामीणों की मान्यता:

ग्रामीणों की मान्यता है कि जब यह पक्षी पौधे पर बैठने लग जाएगा तो विनाश का संकेत होगा।

पक्षी प्रेमियों का मत:

पक्षी प्रेमियों का मानना है कि टिटहरी पक्षी के पैर का पंजा तीन की संख्या में अंगुली से बना होता है। इस कारण यह पौधे पर नहीं बैठता।

टिटहरी पक्षी के अंडे निश्चित रूप से मानसून की भविष्यवाणी करने में सहायक होते हैं। ग्रामीण इलाकों में इनके अंडों का अध्ययन कर वर्षा का अनुमान लगाया जाता है।

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