हिसार में CIA इंचार्ज और 7 पुलिस कर्मी सस्पेंड:टकलू गैंग से पकड़ी मूर्ति खजाने में नहीं करवाई जमा, सोना समझ बिस्किट बनाए

हरियाणा के हिसार रेंज के ADGP श्रीकांत जाधव ने हांसी CIA टू के इंचार्ज और सात पुलिस कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। मामला यूपी के टकलू गैंग के सदस्य से प्राचीन मूर्ति को कब्जे में लेकर उसे मालखाने में जमा न करवाने और सुनार से उसके 8 बिस्किट बनवाने का है।
जिन्हें निलंबित किया गया है, उसमें इंचार्ज नितिन तरार, बालकिशन, सज्जन सिंह, सुरेश, रविंद्र सिंह, जुगवेंद्र सिंह, विजय, सुनील शामिल है।

यह एक्शन हांसी एसपी नीतिका गहलोत द्वारा देर शाम ADGP को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर किया गया। हांसी एसपी ने CIA स्टाफ टू के आचरण व कार्यशैली को संदिग्ध माना। साथ ही ADGP ने सभी के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश पारित किए हैं।

नरवाना एएसपी करेंगे जांच
ADGP ने हांसी एसपी को लापरवाह व कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही, आपराधिक मंशा और विभागीय कदाचार का प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। सस्पेंड पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की विभागीय जांच एएसपी नरवाना कुलदीप सिंह करेंगे।
CIA हांसी टू ने कुछ दिन पहले बस स्टैंड हांसी के पास से बिमलेश, रामदास व रघविंद निवासी फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश के कब्जे से अष्टधातु की प्राचीन मूर्ति बरामद की थी। उन्होंने उक्त मूर्ति का धारा 102 के तहत कब्जा पुलिस में दर्शाया था, लेकिन उसे मालखाने में जमा नहीं करवाया गया।

मेल्ट करवाकर बिस्किट बनवाए
CIA टू के इंचार्ज व कर्मचारियों ने उक्त मेटल मूर्ति को हिसार के खजांची बाजार में विवेक पाटील की ग्लाई की दुकान से मेल्ट करवाकर उसके बिस्किट बनवा लिए। थाना शहर हांसी में इस संबंध में टकलू गैंग के पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत सहित विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
ADGP ने डीएसपी से करवाई जांच
यूपी निवासी बबलू ने मूर्ति न मिलने और हांसी CIA टू द्वारा उसके बिस्किट बनवा लेने के बाद मामले की शिकायत ADGP को की। ADGP ने हांसी DSP को जांच सौंपी। डीएसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोप सही साबित पाए।

सोना समझ सुनार के पास लेकर गए मूर्ति
श्रीकांत जाधव ने बताया कि पुलिस कर्मचारियों ने सुनार पर दबाव डालकर उसके बिस्किट बनाए गए। एडीजीपी ने बताया कि प्राथमिक दृष्टिकोण में इसके पीछे सीआईए टू के कर्मचारियों की गलत मंशा थी। यह मूर्ति कितनी पुरानी है, इसकी जांच करवाई जाएगी। सुनार ने बताया था कि उसके पास जो लोग आए थे, वे ये समझकर आए थे कि ये सोना होगा। जब उन्होंने खुद जांच की थी तो उसमें सोना नहीं था। इससे पहले 6 मार्च को शिकायत तत्कालीन आईजी राकेश आर्य के पास आई थी। उन्होंने एसपी हांसी को मार्क की थी। उसकी स्टेट्स रिपोर्ट का उन्हें नहीं पता।