6 lane Agra-Gwalior National High-Speed Corridor Project, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर को एक ऐतिहासिक सौगात दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने आगरा और ग्वालियर के बीच 6 लेन के राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजना की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना के लिए कुल 4,613 करोड़ रुपये की पूंजी लागत अनुमोदित की गई है। इस विकासात्मक पहल के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पीएम मोदी का आभार जताया है और इसे प्रदेश के बुनियादी ढांचे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
परियोजना का महत्व
6 लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर की यह परियोजना भारतीय परिवहन ढांचे को एक नई दिशा प्रदान करेगी। इस 88 किमी लंबे कॉरिडोर का निर्माण बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT) मोड पर किया जाएगा। परियोजना से आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा समय में 50% तक कमी आएगी और यह मौजूदा 4-लेन नेशनल हाईवे की ट्रांसपोर्टेशन कैपेसिटी को 2 गुना से अधिक बढ़ाएगी। यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बीच कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएगा।
आर्थिक और बुनियादी ढांचे में सुधार
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि यह परियोजना मध्य प्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ प्रदेश को आर्थिक लाभ भी प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में यह परियोजना देश के बुनियादी ढांचे को नए आयाम देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, यह पहल लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ाएगी, भीड़भाड़ को कम करेगी और देशभर में कनेक्टिविटी में सुधार करेगी।
परियोजना की विशेषताएँ
- लंबाई और लागत: 88 किमी लंबा कॉरिडोर, कुल पूंजी लागत 4,613 करोड़ रुपये।
- निर्माण मोड: बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT) मोड।
- यात्रा समय में कमी: आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा समय में 50% तक कमी।
- कनेक्टिविटी: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
परियोजना का विवरण
यह 6-लेन एक्सेस-नियंत्रित आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड हाईवे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों में आगरा जिले के गांव देवरी के पास डिज़ाइन किमी 0.000 से लेकर ग्वालियर जिले के गांव सुसरा के पास डिज़ाइन किमी 88-400 तक शुरू होगा। इसमें मौजूदा आगरा-ग्वालियर खंड NH-44 पर ओवरले/मजबूती और अन्य सड़क सुरक्षा और सुधार कार्य भी शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अनुमोदित इस परियोजना के जरिए मध्य प्रदेश के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी। इस हाई-स्पीड कॉरिडोर के निर्माण से देश के विभिन्न हिस्सों के बीच यात्रा और व्यापार को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण सहायता मिलेगी।