7th Pay Commission:कर्नाटक सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी, 17 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा
कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को अपने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 अगस्त से लागू करने का फैसला किया है। यह फैसला मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र के दौरान किया गया, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। इससे लगभग 17 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ होगा।
वेतन बढ़ाने से सरकारी खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा?
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सातवें वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में 27.5 प्रतिशत की वृद्धि का सुझाव दिया है। इससे सालाना करीब 17,440.15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ सरकारी खजाने पर पड़ सकता है। यह निर्णय उस समय लिया गया है जब सिद्धारमैया सरकार पर वेतन वृद्धि को मंजूरी देने का दबाव था।
महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा से घाटा
पिछले महीने, 15 जुलाई को कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) ने भी बस किराए में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था। इससे पिछले तीन महीनों में KSRTC ने 295 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, जिसमें शक्ति योजना का असर भी था।
केएसआरटीसी के चेयरमैन एसआर श्रीनिवास ने बताया, “आखिरी बार बस टिकट की कीमत में बढ़ोतरी 2019 में हुई थी। तब से पांच साल हो गए हैं, कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण किराए में बढ़ोतरी अपरिहार्य है।”
उन्होंने इससे पहले के वेतन संशोधन की भी याद दिलाई, जिसे 2020 में किया गया था और अगला संशोधन 2024 के लिए निर्धारित है।
यह फैसला कर्नाटक की राजनीतिक मानदंडों में भी महत्वपूर्ण है, खासकर जब सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन और हड़ताल की चुनौती थी। इस बदलाव की अभिव्यक्ति के साथ, कर्नाटक सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि कर उन्हें आर्थिक रूप से बेहतरी की उम्मीद दी है।