Aaj Rat Ka Mausam 27 July 2024, नई दिल्ली: भारत में मानसून का सीजन जोर-शोर से चल रहा है, और इसके परिणामस्वरूप कई राज्यों में भारी बारिश और चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बनी हुई है। गंगा के तटीय पश्चिम बंगाल और उससे सटे बांग्लादेश के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है। यह स्थिति आने वाले दिनों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति पैदा कर सकती है।
आज रात के लिए संभावित मौसम गतिविधि
आने वाले 24 घंटों में भी मौसम की गतिविधियां जारी रहेंगी, जिसमें विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है:
क्षेत्र | बारिश का स्तर |
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कोंकण और गोवा, विदर्भ, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से | मध्यम से भारी |
ओडिशा, छत्तीसगढ़, पूर्वी राजस्थान, दक्षिण गुजरात, केरल | हल्की से मध्यम, कुछ स्थानों पर भारी |
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान के पश्चिमी हिस्से | हल्की से मध्यम |
लद्दाख, सौराष्ट्र और कच्छ, आंतरिक कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, लक्षद्वीप | हल्की |
चक्रवाती परिसंचरण और मानसून की द्रोणिका
- गंगा के तटीय पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश: समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर तक चक्रवाती परिसंचरण फैला हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है।
- मानसून की द्रोणिका: श्री गंगानगर, हिसार, आगरा, डाल्टनगंज, जमशेदपुर, दीघा से होकर पूर्व की ओर दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व पश्चिम बंगाल की ओर जा रही है।
- असम और आसपास के इलाके: समुद्र तल से 1.5 से 3.1 किलोमीटर ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।
- उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश: चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।
- दक्षिण गुजरात और उत्तरी केरल तट: समुद्र तल से अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है।
पिछले 24 घंटों के दौरान मौसम की हलचल
पिछले 24 घंटों में देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग स्तर की बारिश देखी गई:
क्षेत्र | बारिश का स्तर |
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कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र | मध्यम से भारी |
पूर्वी राजस्थान, पूर्वी गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश | हल्की से मध्यम |
सिक्किम, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, विदर्भ, तेलंगाना, तटीय कर्नाटक, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश | हल्की से मध्यम |
दिल्ली, उत्तर और मध्य राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, तमिलनाडु, सौराष्ट्र और कच्छ | हल्की |
तैयारी और सावधानियां
विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश और चक्रवाती परिसंचरण के कारण बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।