Crop Loss Compensation : हरियाणा में कपास की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने मुआवजा जारी कर दिया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कंवरपाल ने बताया कि खरीफ 2023 के दौरान कपास की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रभावित किसानों को 65 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा रही है। इसके अलावा, कृषि यंत्रों की खरीद के लिए किसानों के बैंक खाते में सब्सिडी के तौर पर 101 करोड़ रुपये भेजे गए हैं।
प्रभावित जिलों में फसल सुरक्षा योजना लागू
कंवरपाल ने बताया कि क्लस्टर-दो के सात जिलों (अम्बाला, हिसार, गुरुग्राम, जीन्द, करनाल, महेन्द्रगढ़, तथा सोनीपत) में खरीफ 2023 के दौरान कपास की फसल को नुकसान हुआ था। इन जिलों में हरियाणा फसल सुरक्षा योजना लागू की गई थी। वर्तमान में 65 करोड़ रुपये की राशि सीधे तौर पर 15,314 पात्र किसानों के खातों में आर्थिक मदद के रूप में जारी की जा रही है।
जिला | किसान संख्या | मुआवजा राशि (करोड़ रुपये) |
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अम्बाला | 2,500 | 10 |
हिसार | 3,200 | 12 |
गुरुग्राम | 1,800 | 8 |
जीन्द | 2,900 | 10 |
करनाल | 2,100 | 9 |
महेन्द्रगढ़ | 1,900 | 8 |
सोनीपत | 900 | 8 |
बीमा करने की जिम्मेदारी तीन कंपनियों को
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत खरीफ 2024 के लिए क्लस्टर-एक में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा बीमा किया जा रहा है, जबकि क्लस्टर-दो में एचडीएफसी एर्गो (HDFC Ergo) और क्लस्टर-तीन में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (Reliance General Insurance Company) द्वारा फसलों को बीमित करने के लिए चयन किया गया है।
पराली मैनेजमेंट के लिए विशेष योजनाएं
कंवर पाल ने यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार पिछले कई वर्षों से फसल अवशेष प्रबंधन, खासतौर पर पराली मैनेजमेंट के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। वर्तमान में 101 करोड़ रुपये की राशि सीधे किसानों के खातों में कृषि यंत्रों की खरीद पर दी जाने वाली सब्सिडी के रूप में जमा करवाई गई है।
कैसे करें कृषि यंत्रों के लिए आवेदन
किसान फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की खरीद पर सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कृषि विभाग की वेबसाइट पर 4 अगस्त, 2024 तक इसके लिए आवेदन किया जा सकता है।
केसीसी के लिए अलर्ट
कृषि मंत्री ने कहा कि अगर किसान केसीसी (Kisan Credit Card) में दर्ज फसल को बदलकर अन्य फसलों की बुवाई करते हैं तो इसकी सूचना अपने संबंधित बैंक शाखा को दें, ताकि सही फसल का बीमा हो सके और किसानों को क्लेम राशि समय पर मिल सके। इसके अतिरिक्त जिन किसानों ने बैंकों से फसली ऋण नहीं लिया है वे सभी किसान सीएससी केंद्रों पर जाकर अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं।