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हाथी-भालू से भरे जंगल में सुरंग से दोड़ेगी गाड़ियाँ; 12 लेन का होगा नया एक्‍सप्रेसवे

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हाथी-भालू से भरे जंगल में सुरंग से दोड़ेगी गाड़ियाँ; 12 लेन का होगा नया एक्‍सप्रेसवे

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Delhi-Dehradun Expressway : नई दिल्‍ली। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एक ऐसा एक्सप्रेसवे बना रहा है, जो यात्रियों को रोमांचित कर देगा। इस एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड जैसे राज्यों को लाभ मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे केवल 210 किलोमीटर लंबा होगा और यह मैदान को पहाड़ और हिल स्टेशन से जोड़ेगा। इसका निर्माण तेजी से चल रहा है और यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो यह अगले साल मई तक पूरा हो जाएगा। खास बात यह है कि एक्सप्रेसवे का 20 किलोमीटर हिस्सा घने जंगलों के बीच से होकर गुजरेगा।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं दिल्‍ली-देहरादून एक्‍सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) की। यह एक्‍सप्रेसवे 3 फेज में बनाया जा रहा है। फिलहाल से 6 लेन का बनाया जा रहा, लेकिन आगे इसे बढ़ाकर 12 लेन का किया जाएगा। एनएचएआई का कहना है कि मई, 2025 तक इसे शुरू कर दिया जाएगा। यह एक्‍सप्रेसवे समय, पैसा और जाम तीनों से सुरक्षित करेगा। एक्‍सप्रेसवे को सहारनपुर के पास 2 और हाईवे के साथ लिंक किया जाएगा।

आधा हो जाएगा ट्रैवल टाइम

अभी दिल्‍ली से देहरादून तक जाने में 5 से 6 घंटे का समय लगता है। ऊपर से जाम और तेल का खर्चा भी ज्‍यादा होता है। इसके लिए 250 किलोमीटर से ज्‍यादा दूरी तय करनी पड़ती है। नया एक्‍सप्रेसवे बन जाने के बाद यह दूसरी 210 किलोमीटर हो जाएगी और ट्रेवल टाइम आधे से कम होकर महज 2।5 घंटे रह जाएगा। इतना ही नहीं आपका ईंधन और पैसा भी बचेगा।

कितनी लागत आएगी

इस एक्‍सप्रेसवे को तैयार करने में करीब 13 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसका पहला फेज जो दिल्‍ली के अक्षरधाम को बागपत के पास ईस्‍टर्न पेरीफेरल एक्‍सप्रेसवे से जोड़ता है, जुलाई में शुरू होने की संभावना है। पहला फेज करीब 31 किलोमीटर का है और इसे बनाने में करीब 3,250 करोड़ की लागत आएगी। पहले फेज की 6।4 किलोमीटर सड़क एलिवेटेड बनाई गई है, जो दिल्‍ली की गीता कॉलोनी से खजूरी खास तक जाएगी।

जंगल में बनी है लंबी सुरंग

इस एक्‍सप्रेसवे को बनाने की सबसे बड़ी चुनौती राजाजी नेशनल पार्क था। यह घना जंगल खूंखार जानवरों से भरा है और एक्‍सप्रेसवे को इसके बीच से ही गुजारा जा रहा है। करीब 20 किलोमीटर के इस सेक्‍शन को तैयार भी कर लिया गया है। यह पूरा सेक्‍शन या तो जमीन के अंदर से गुजरेगा या फिर ऊपर से। एनएचएआई ने इसके लिए जंगल के बीच 2 किलोमीटर की टनल भी बना ली है। हाथी सहित अन्‍य जंगली जानवरों को गुजरने के लिए वाइल्‍ड लाइफ कॉरिडोर बनाया गया है।

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