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Fish Farming : किसान मछली पालन की इस तकनीक से कमा कई गुना मुनाफा, जानें

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Fish Farming : किसान मछली पालन की इस तकनीक से कमा कई गुना मुनाफा, जानें

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FISH FARMING : मछली उत्पादन को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को ताजी मछली की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, बिहार सरकार ने मुंगेर जिले में केज कल्चर तकनीक का शुभारंभ किया है। यह तकनीक, जिसे नेट पेन कल्चर के नाम से भी जाना जाता है, मछली पालन का एक आधुनिक तरीका है जिसमें मछलियों को जाल से बने पिंजरों में रखा जाता है और उन्हें नियंत्रित वातावरण में पाला जाता है।

केज कल्चर तकनीक का उद्देश्य

मछली उत्पादन में वृद्धि: पारंपरिक तरीकों से मछली पालन की तुलना में, केज कल्चर तकनीक मछली उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि ला सकती है। एक अनुमान के अनुसार, एक केज से 40 से 45 क्विंटल मछली का उत्पादन हो सकता है, जो पारंपरिक तरीकों से प्राप्त उत्पादन से कई गुना अधिक है।

ताजी मछली की उपलब्धता: केज कल्चर तकनीक के माध्यम से, ताजी मछली हर समय स्थानीय लोगों के लिए उपलब्ध होगी। इससे न केवल लोगों को पौष्टिक भोजन मिलेगा, बल्कि मछली पालकों को भी उनकी उपज के लिए बेहतर बाजार मिलेगा।

रोजगार सृजन: केज कल्चर तकनीक से मछली पालन उद्योग में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। मछली पालन, प्रसंस्करण और विपणन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में लोगों को रोजगार मिलेगा।
मुंगेर में केज कल्चर तकनीक का कार्यान्वयन:

खड़कपुर झील का चयन: मुंगेर में खड़कपुर झील को केज कल्चर तकनीक के लिए चुना गया है। यह झील मछली पालन के लिए अनुकूल है और इसमें पर्याप्त मात्रा में पानी है।

17 फ्लोटिंग केज स्थापित: झील में 17 फ्लोटिंग केज स्थापित किए गए हैं। प्रत्येक केज में लगभग 3000 से 4000 मछली के बच्चे डाले गए हैं।

सरकारी सब्सिडी: सरकार ने इस परियोजना को सब्सिडी प्रदान की है। प्रत्येक केज की लागत 3 लाख रुपए है, जिसमें से 1 लाख रुपए निर्माण पर और 1 लाख रुपए इनपुट पर खर्च होते हैं।
केज कल्चर तकनीक के लाभ:

नियंत्रित वातावरण: मछलियों को नियंत्रित वातावरण में पाला जाता है, जिससे उनके बीमार होने का खतरा कम होता है।

पर्याप्त ऑक्सीजन: केज लगातार चलते रहते हैं, जिससे पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बनी रहती है और मछलियों को सांस लेने में कोई परेशानी नहीं होती है।

पर्यावरण संरक्षण: केज झील के पानी से अलग रहते हैं, जिससे मछली को पर्यावरणीय कारकों से कोई नुकसान नहीं होता है।

केज कल्चर तकनीक: मछली पालन का भविष्य:

केज कल्चर तकनीक मछली पालन उद्योग में क्रांति लाने की क्षमता रखती है। यह तकनीक न केवल मछली उत्पादन में वृद्धि कर सकती है, बल्कि मछली पालकों के लिए बेहतर आय और रोजगार के अवसर भी पैदा कर सकती है। सरकार को इस तकनीक को बढ़ावा देने और मछली पालकों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

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