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ग्वार के रेट में आई तेजी, हरियाणा, राजस्थान की मंडियों में आज ये रहे भाव

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ग्वार के रेट में आई तेजी, हरियाणा, राजस्थान की मंडियों में आज ये रहे भाव

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Guar prices rise

नोहर, राजस्थान: ग्वार के दामों में हाल ही में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। दो दिन के भीतर ग्वार के दाम में 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल की उछाल दर्ज की गई है। आढ़तियों के अनुसार, आने वाले समय में ग्वार के दामों में और वृद्धि की संभावना है। बिरानी क्षेत्रों में बारिश की कमी के कारण इस बार खरीफ फसल ग्वार की पैदावार कम रही है, जिससे ग्वार गम के दामों में भी तेजी आ रही है।

मंडियों में ग्वार के दाम

राजस्थान की नोहर अनाज मंडी में 2 अगस्त को ग्वार 5424 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिका, जबकि दो दिन पहले यह 5000 रुपये प्रति क्विंटल के करीब था। इसी तरह, राजस्थान की गोलूवाला अनाज मंडी में ग्वार 5298 रुपये प्रति क्विंटल पर बिका। हरियाणा की प्रसिद्ध सिरसा अनाज मंडी में ग्वार की कीमत मंगलवार को लगभग 5200 रुपये प्रति क्विंटल रही।

स्थानदिनांकमूल्य (रुपये प्रति क्विंटल)
नोहर अनाज मंडी2 अगस्त5424
गोलूवाला अनाज मंडी2 अगस्त5298
सिरसा अनाज मंडी2 अगस्त5200

बारिश की कमी और कीमतों में उछाल

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार राजस्थान और हरियाणा के सूखे क्षेत्रों में बरसात की कमी के कारण ग्वार की फसल प्रभावित हुई है। इस वजह से ग्वार की सप्लाई में कमी आई है, जिससे बाजार में इसके दामों में तेजी देखी जा रही है। ग्वार गम की मांग में वृद्धि के कारण भी कीमतों में उछाल जारी है। आढ़तियों के अनुसार, यदि बारिश की स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो आने वाले हफ्तों में ग्वार के दाम और बढ़ सकते हैं।

आगे की संभावनाएं

ग्वार की कीमतों में इस उछाल से किसानों और व्यापारियों को नई उम्मीदें जगी हैं। हालांकि, कीमतों में यह वृद्धि उपभोक्ताओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां ग्वार गम का अधिक उपयोग होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की स्थिति और मौसम की परिस्थितियों के अनुसार ग्वार के दामों में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। आने वाले दिनों में बाजार की स्थिति पर नजर रखना आवश्यक होगा, ताकि सही समय पर निर्णय लिए जा सकें।

ग्वार की कीमतों में तेजी से किसान और व्यापारी दोनों ही सतर्क हैं, और इस परिदृश्य में उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। बढ़ती कीमतों के साथ-साथ फसल की स्थिति में सुधार के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

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