Haryana News, रोहतक। हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने रोहतक में आयोजित बैठक में बड़ा फैसला लिया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर गिल ने घोषणा की है कि 22 जुलाई तक सरकार के किसी भी कार्यक्रम में सरपंच हिस्सा नहीं लेंगे और पूर्ण रूप से बहिष्कार रहेगा।
सरकार से वार्ता न होने पर 25 जुलाई को आंदोलन:
अगर 22 जुलाई तक हरियाणा सरकार सरपंच एसोसिएशन को बुलाकर उनके अधिकारों पर चर्चा नहीं करती, तो 25 जुलाई को हरियाणा सरपंच एसोसिएशन बड़े आंदोलन का ऐलान कर देगी। रणबीर गिल ने चेतावनी दी है कि लोकसभा चुनाव में मौजूदा सरकार सरपंचों की एकता का परिणाम देख चुकी है और अब विधानसभा चुनाव भी आने वाले हैं।
सरपंचों के अधिकारों की मांग:
रणबीर गिल ने कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए 2 तारीख को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सरपंचों को कुछ पावर देने की घोषणा की थी, लेकिन उसमें कई खामियां हैं। सरपंचों ने कभी भत्ता या तनख्वाह बढ़ाने की मांग नहीं की थी। उनकी मांग संविधान में पंचायती राज संस्थाओं को दिए गए सभी अधिकारों को लागू करने की है।
सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार:
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सरपंचों की काम करने की राशि 21 लाख रुपए तक बढ़ा दी, लेकिन साथ में 50% की बाउंडेशन भी लगा दी, जिससे इस पावर का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए हरियाणा सरकार से गांव के विकास के लिए सरपंच एसोसिएशन को बुलाकर खुली बातचीत करने की मांग की गई है।
सरपंच संगठन ने 22 जुलाई तक का समय बातचीत के लिए दिया है, अन्यथा 25 जुलाई को बड़ा आंदोलन होगा। 22 जुलाई तक हरियाणा सरकार के सभी कार्यक्रमों का बहिष्कार रहेगा। रणबीर गिल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सरकार सरपंचों की एकता देख चुकी है और अब विधानसभा चुनाव में भी सरपंच किसी भी बहकावे में नहीं आएंगे।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर पीठ थपथपाने के लिए आयोजित कार्यक्रमों में केवल भाजपा के कार्यकर्ता ही दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार को चैलेंज किया कि वे आई कार्ड के साथ 10 से 15% सरपंचों को कार्यक्रम में बुलाकर दिखाएं, तब वे मान जाएंगे।