पंचकूला: बिजली विभाग द्वारा पंचकूला में 5, 12, 20 और 27 अगस्त को बिजली दरबार आयोजित किए जाएंगे, जहां पंचकूला जोन के अंतर्गत आने वाले जिलों कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, कैथल और यमुनानगर के उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण किया जाएगा।
जोनल उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच की भूमिका
बिजली निगम के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जोनल उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच रेगुलेशन 2.8.2 के अनुसार, प्रत्येक मामले में एक लाख रुपये से अधिक और तीन लाख रुपये तक के वित्तीय विवादों से संबंधित शिकायतों की सुनवाई करेगा। यह मंच उपभोक्ताओं के गलत बिलों, बिजली की दरों से संबंधित मामलों, मीटर सिक्योरिटी, खराब मीटरों और वोल्टेज संबंधित समस्याओं का समाधान करेगा।
तारीख | दिन |
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5 अगस्त | शनिवार |
12 अगस्त | शनिवार |
20 अगस्त | रविवार |
27 अगस्त | रविवार |
किन मामलों पर विचार नहीं किया जाएगा
प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि बिजली चोरी, बिजली के दुरुपयोग और घातक या गैर-घातक दुर्घटना जैसे मामलों पर इन दरबारों में विचार नहीं किया जाएगा। उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण केवल उन मामलों में किया जाएगा जो वित्तीय विवादों और बिजली दरों से संबंधित हों।
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया
उपभोक्ता और निगम के बीच किसी भी विवाद के निपटान के लिए फोरम में वित्तीय विवादों से संबंधित शिकायत प्रस्तुत करने से पहले, उपभोक्ता को पिछले छ: महीनों के दौरान भुगतान किए गए बिजली के औसत शुल्क के आधार पर गणना की गई प्रत्येक माह के लिए दावा की गई राशि या उसके द्वारा देय बिजली शुल्क के बराबर राशि जमा करवानी होगी।
उपभोक्ताओं के लिए राहत
इन बिजली दरबारों का उद्देश्य उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित समाधान करना है, जिससे उन्हें राहत मिल सके और वे बिजली संबंधी विवादों से मुक्त हो सकें। बिजली विभाग की इस पहल से उपभोक्ताओं को अपने बिलों, मीटर संबंधी समस्याओं और अन्य वित्तीय विवादों का निवारण एक ही स्थान पर प्राप्त होगा।
बिजली दरबार का महत्व
इस पहल से पंचकूला जोन के उपभोक्ताओं को काफी लाभ मिलेगा और उनके बिजली संबंधी सभी विवादों का समाधान किया जा सकेगा। यह बिजली दरबार उपभोक्ताओं को सही और सटीक जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपने अधिकारों और दायित्वों के प्रति जागरूक हो सकें।
पंचकूला में आयोजित होने वाले इन बिजली दरबारों का उद्देश्य उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित समाधान करना है, जिससे वे बिजली संबंधी विवादों से मुक्त हो सकें। यह पहल बिजली विभाग की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के साथ-साथ उनके अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।