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Lal Dora Scheme: पंचायती जमीन पर रहने वाले ध्यान दे; लाल डोरा वाली प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री को लेकर आई बड़ी खबर

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Lal Dora Scheme: पंचायती जमीन पर रहने वाले ध्यान दे; लाल डोरा वाली प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री को लेकर आई बड़ी खबर

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Lal Dora Scheme: हरियाणा के शहरों में लंबे समय से लाल डोरा की समस्या का सामना कर रहे भू-स्वामियों और शहरी क्षेत्रों की व्यावसायिक संपत्तियों के किराएदारों के लिए बड़ी राहत की खबर है। हरियाणा सरकार अब इन शहरों को लाल डोरा से मुक्त करने के लिए सर्वे कर रही है और संपत्ति मालिकों के नाम दर्ज कर रही है। इस प्रक्रिया में किराएदार जो बीस साल या उससे अधिक समय से संपत्ति पर काबिज हैं, कलेक्टर रेट से 20 से 50 प्रतिशत कम राशि देकर मालिक बन सकते हैं।

हरियाणा प्रदेश सरकार ने गुरुवार को शहरी स्वामित्व योजना की शुरुआत की, जिससे फरीदाबाद के करीब 60 गांवों को बड़ा लाभ मिलेगा। इस योजना से आठ लाख से ज्यादा लोगों को राहत मिलेगी, जो अब अपने घरों और जमीनों के कानूनी दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लाल डोरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों को उनकी संपत्तियों के मालिकाना हक के दस्तावेज प्रदान करना है।

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लाल डोरा में रजिस्ट्री की सुविधा

इस योजना के तहत, लाल डोरा में आने वाली जमीन की रजिस्ट्री करवाई जा सकेगी। गुरुग्राम में गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मालिकाना हक के दस्तावेज वितरित कर इस योजना की शुरुआत की। इससे लोग बैंक से लोन लेकर अपना बेहतर घर बना सकेंगे। लाल डोरा की रजिस्ट्री होने से मालिकाना हक को लेकर जमीन के झगड़े भी खत्म हो जाएंगे।

हरियाणा के शहरों में लंबे समय से लाल डोरा की समस्या झेल रहे भू-स्वामियों और शहरी निकायों की व्यावसायिक संपत्तियों के किराएदारों के अच्छे दिन आ गए हैं। हरियाणा सरकार ने इन समस्याओं को खत्म करने के लिए ‘मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना’ और ‘स्वामित्व स्कीम’ शुरू की है। आज गुरुवार को गुरुग्राम के मानसेर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी इस योजना के लाभार्थियों को रजिस्ट्रियां और शहरी लाल डोरा संपत्ति प्रमाण-पत्र सौंपेंगे।

लाल डोरा प्रणाली क्या है?

1908 में अंग्रेजों ने लाल डोरा प्रणाली बनाई थी। उस समय रेवेन्यू रिकॉर्ड रखने के लिए नक्शे पर खेतीबाड़ी की जमीन से आबादी को अलग-अलग दिखाने के लिए लाल लाइन खींची गई थी। लाल डोरा के तहत आने वाली जमीन को निर्माण-कार्य से जुड़े नियमों, बिल्डिंग बायलाज और नगरपालिका कानून से छूट मिलती है। लेकिन स्वामित्व का पुख्ता प्रमाण न होने से लाल डोरा में आने वाली संपत्ति नहीं खरीदी जा सकती थी, जिससे मकान मालिकों को कठिनाई होती थी।

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लाल डोरा का इतिहास और समस्याएं (Lal Dora Scheme History)

लाल डोरा सिस्टम अंग्रेजों द्वारा 1908 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य आबादी और कृषि भूमि को अलग-अलग दिखाना था। लाल डोरा के तहत आने वाली जमीनों को बिल्डिंग बायलॉज, निर्माण-कार्य और नगरपालिका कानूनों से छूट प्राप्त है। लेकिन स्वामित्व का पुख्ता प्रमाण न होने के कारण इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में मुश्किलें आती थीं।

गांवों में सफलता के बाद अब शहरों की बारी

हरियाणा सरकार ने पहले गांवों को लाल डोरा से मुक्त करने के लिए योजना शुरू की, जिसमें सभी मकानों और भूखंडों की रजिस्ट्रियां कब्जाधारियों के नाम कर दी गईं। अब ‘मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना’ के तहत शहरों को लाल डोरा से मुक्त किया जा रहा है।

योजना का उद्देश्य और लाभ

‘मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना’ जून 2021 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत 31 दिसंबर 2021 तक जिन शहरी निकायों की दुकानों या मकानों पर 20 साल का कब्जा पूरा हो चुका था, वे कब्जाधारी मालिकाना हक पाने के योग्य हैं। इस योजना का फायदा लगभग 25 हजार लोगों को मिलेगा और हरियाणा सरकार को लगभग एक हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया Lal Dora Scheme Apply Process

इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने www.ulb.shops.ulbharyana.gov.in पोर्टल बनाया है। इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। सरकार ने घोषणा की है कि जो किरायेदार या लीज धारक अपने दावे प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं, उन्हें 15 दिन के लिए पोर्टल पर आवेदन करने का एक और मौका दिया जाएगा।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज Lal Dora Scheme Documents

आवेदकों को सेल्फ सर्टिफाइड लेटर के जरिए बताना होगा कि वे कितने साल से संपत्ति पर काबिज हैं। इसके साथ ही साइट प्लान, बिजली या पानी कनेक्शन का बिल, किराये की रसीद, फायर एनओसी जैसे दस्तावेज देने होंगे।

कम पैसे में रजिस्ट्रेशन

इस योजना के तहत 20 साल से अधिक समय से किराए या लीज पर काबिज लोग कलेक्टर रेट पर 50 से 80 फीसदी तक की छूट पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जितने साल से जमीन पर कब्जा है, उसके हिसाब से छूट मिलेगी।

खबर की मुख्य बातें: 

  • लाल डोरा से मुक्ति के लिए हरियाणा सरकार की बड़ी पहल।
  • ‘मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना’ के तहत 20 साल से अधिक समय से कब्जा करने वालों को मालिकाना हक मिलेगा।
  • ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज।
  • रजिस्ट्रेशन के लिए कलेक्टर रेट पर 50 से 80 फीसदी तक की छूट।

हरियाणा में लाल डोरा से मुक्ति की इस पहल से भू-स्वामियों और किराएदारों को राहत मिलेगी और संपत्ति के मालिकाना हक की समस्याएं दूर होंगी।

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