Ganga Flood News : वाराणसी, यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश में हो रही बारिश का असर अब धर्म नगरी काशी में भी देखने को मिल रहा है। लगातार बारिश के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे घाट किनारे रहने वाले लोगों में खलबली मची हुई है। दर्जनों मंदिर गंगा के पानी में डूब गए हैं, जिससे पूजा-पाठ बाधित हो गया है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर का असर
गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण धार्मिक अनुष्ठानों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। दशाश्वमेध घाट पर होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती का स्थान भी बदल दिया गया है। अब यह आरती अपने नियत स्थान से कुछ सीढ़ियां ऊपर कराई जा रही है।
पुरोहितों की स्थिति: घाट किनारे पूजा-पाठ करने वाले पुरोहित भी अपनी चौकियों के स्थान को बदलने लगे हैं। स्थानीय पुरोहित दिनेश दुबे ने बताया कि गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण व्यवस्थाओं में बदलाव हो रहा है और चौकियों को नीचे की सीढ़ियों से अब ऊपर की ओर ले जाया जा रहा है, ताकि धार्मिक अनुष्ठान कराए जा सकें।
स्थल | प्रभाव |
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दशाश्वमेध घाट | गंगा आरती का स्थान बदल गया |
घाट किनारे | दर्जनों मंदिर जलमग्न |
नाविक | नावों की निगरानी में व्यस्त |
गंगा में शैवाल और जलमग्न सीढ़ियां
पिछले दो दिनों से वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण जगह-जगह शैवाल भी दिख रहे हैं। अस्सी घाट के सीढ़ियों के नीचे जमी मिट्टी भी पानी में डूब गई है। कई घाटों की दर्जनों सीढ़ियां भी अब जलमग्न हो गई हैं। इसके अलावा, कई घाटों का संपर्क मार्ग भी अब टूट गया है।
नाविकों की चिंता
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण नाविकों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं। देर रात तक नाविक घाट पर नावों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि किसी तरह की अनहोनी न हो।
वर्तमान जलस्तर
वाराणसी में गंगा का जलस्तर 63 मीटर के करीब है, जबकि खतरे का निशान 71.26 मीटर है। स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बरतने की अपील की है और संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयारियां की जा रही हैं।
आगे की राह
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी बारिश जारी रहने की संभावना है। प्रशासन और स्थानीय लोग दोनों ही सतर्क हैं और आवश्यक कदम उठा रहे हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
संबंधित जानकारी
वाराणसी में गंगा का बढ़ता जलस्तर न केवल स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ को भी प्रभावित कर रहा है। प्रशासन और स्थानीय लोग दोनों ही इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। धार्मिक नगरी काशी में गंगा के इस उफान का असर लंबे समय तक देखने को मिल सकता है।