Jewar Airport : उत्तर प्रदेश में बन रहे जेवर एयरपोर्ट से फ्लाइटों को उड़ान भरने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। एयरपोर्ट को तैयार होने में तीन महीने और लग सकते हैं। ऐसे में सितंबर में विमानों की उड़ान शुरू हो पाना मुश्किल लग रहा है। पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग में लगने वाली स्टील की आपूर्ति विदेश से नहीं हो पाने के कारण इसमें देरी होने के आसार हैं। इस वजह से अधिकारियों के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है कि यहां कितना समय लग सकता है।
यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के रनवे पर विमानों का ट्रायल रन अभी टल गया है। जून में ट्रायल रन शुरू करने की योजना थी, लेकिन अधूरे निर्माण के कारण ट्रायल रन अभी संभव नहीं हो सका।
कितना हो चुका है काम : अब तक एयरपोर्ट का 80 प्रतिशत कार्य पूरा होने का दावा किया जा रहा है। यहां 3900 मीटर लंबा रनवे बनकर तैयार है, लेकिन इस पर लाइटिंग का काम चल रहा है। किसी भी विमान को उड़ाने और उतारने में लाइटिंग की अहम भूमिका होती है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टावर में फिनिशिंग का काम आखिरी दौर में है।
टर्मिनल बिल्डिंग का ढांचा बनकर तैयार हो गया है। बिल्डिंग में शीशे लगाने का काम चल रहा है, लेकिन यहां यात्रियों की सुविधा के लिए लगने वाली स्टील का काम कई माह से अधूरा है। अधिकारियों का कहना है कि यह स्टील विदेश से आनी है, इसमें देरी हो रही है। यहां यात्रियों के बोर्डिंग, चेकइन और चेकआउट से संबंधित उपकरण लगने है, जिसे पूरा होने में अधिक समय लग सकता है। इसके चलते अब सितंबर में प्रस्तावित उड़ान मुश्किल है।
अधिकारियों का कहना है कि बॉयलोज में एयरपोर्ट को पूरा करने के लिए तीन माह का ग्रेस पीरियड मिलेगा। यदि तय समय में एयरपोर्ट शुरू नहीं होता है तो तीन माह का समय दिया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा, ”एयरपोर्ट से विमानों के उड़ान में अतिरिक्त समय लगने की संभावना है। हालांकि, प्रयास रहेगा कि सितंबर तक कम से कम एक फ्लाइट शुरू कर दी जाए। टर्मिनल बिल्डिंग के अधूरे निर्माण के कारण यह दिक्कत हुई है।”