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Jharkhand Ka Mausam: चिलचिलाती धूप और गर्मी से जल्द मिलेगी राहत; राज्य के कुछ जिलों में बारिश और वज्रपात का अलर्ट

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Jharkhand Ka Mausam: चिलचिलाती धूप और गर्मी से जल्द मिलेगी राहत; राज्य के कुछ जिलों में बारिश और वज्रपात का अलर्ट

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Jharkhand Ka Mausam : झारखंड की राजधानी रांची में बीते 24 घंटे के दौरान मौसम शुष्क रहा। वहीं, कोल्हान, पलामू प्रमंडल, गोड्डा और पाकुर में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रहा। सरायकेला में सबसे अधिक 42.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जबकि गिरिडीह में न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रहा।

लेकिन, सोमवार का दिन राहत की उम्मीद लेकर आया है। प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश होने की संभावना है। रांची मौसम केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव का असर अब धीरे-धीरे झारखंड में भी दिखाई दे रहा है।

इसके फलस्वरूप, अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, आज कुछ जिलों में बारिश की भी संभावना है, जिससे लोगों को गर्मी और लू से थोड़ी राहत मिलेगी। बारिश की संभावना उन जिलों में भी है, जहां खूब गर्मी पड़ रही है।

वज्रपात को लेकर येलो अलर्ट

आज के मौसम की बात करें तो कुछ जिलों में बारिश की संभावना है। इनमें बोकारो, धनबाद, जामताड़ा, दुमका, देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुर, गिरिडीह, सरायकेला खरसावां और पश्चिम और पूर्वी सिंहभूम शामिल हैं।

वहीं, इन जिलों में वज्रपात को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है, यानी लोगों को इस दौरान खास सावधान रहने की जरूरत है। बारिश की वजह से अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट भी संभव है।

आज का संभावित तापमान

आज के संभावित तापमान की बात करें तो देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज में अधिकतम 42 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस, कोडरमा, चतरा, गढ़वा, लातेहार, लोहरदगा और पलामू में अधिकतम 42 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, रांची, खूंटी, गुमला में अधिकतम 43 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस, पूर्वी और पश्चिम सिंहभूम सरायकेला और सिमडेगा में अधिकतम 44 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है।

किसानों के लिए राहत

बारिश होने से किसानों को भी राहत मिलेगी। धान की रोपाई का काम जोरों पर है। बारिश होने से धान की रोपाई में आसानी होगी। साथ ही, खरीफ की अन्य फसलों के लिए भी यह फायदेमंद होगी।

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