कोडरमा: गर्मियों में बिजली की मांग में तेज़ी से इज़ाफा होता है, जिससे बिजली कटौती की समस्याएँ बढ़ जाती हैं। ग्रिड पर भारी दबाव के चलते पावर कट्स आम हो जाते हैं। इसके साथ ही, कोयले की कमी के कारण देश के हर राज्य में व्यापक बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में, सोलर पैनल एक बेहतर विकल्प के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं, और इनकी लोकप्रियता पूरे देश में तेज़ी से बढ़ रही है। सोलर पैनल की क्षमता के अनुसार, इससे उत्पन्न बिजली से हर प्रकार के उपकरण चलाए जा सकते हैं।
सोलर पैनल एक्सपर्ट राजा वर्मा ने लोकल 18 से विशेष बातचीत में बताया कि सोलर पैनल का उपयोग कर कोयले पर विद्युत उत्पादन की निर्भरता को कम किया जा सकता है। इससे आर्थिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने में भी योगदान मिलता है। उन्होंने बताया कि सोलर सिस्टम लगाने में एक बार निवेश होता है, जिसके बाद कई वर्षों तक नि:शुल्क बिजली का लाभ उठाया जा सकता है। सोलर पैनल उपयोग करने का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है। इसके उपयोग से बिजली बिल की चिंता, लो वोल्टेज की समस्या, और बिजली आपूर्ति में बाधा जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
वर्मा ने बताया कि एक सामान्य घर के लिए एक किलोवाट लोड क्षमता के लिए 30 से 35 हजार रुपए के बीच में सोलर पैनल का पूरा सिस्टम इंस्टॉल किया जा सकता है, जिसमें सोलर पैनल, बैटरी और इनवर्टर शामिल हैं। सौर ऊर्जा से घर के बल्ब, पंखे, टीवी और वाशिंग मशीन को चलाया जा सकता है, जबकि एयर कंडीशनर चलाने के लिए 3 से 4 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाने होंगे, जिसमें लगभग एक लाख रुपए तक की लागत आती है। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा से आज कई बड़े भवनों में लिफ्ट का संचालन और ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के लिए सोलर पंप का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सोलर पैनल के इस बढ़ते उपयोग से देश को न केवल आर्थिक राहत मिल रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी एक महत्वपूर्ण योगदान हो रहा है।