Lal Dora Scheme: हरियाणा के शहरों में लंबे समय से लाल डोरा की समस्या झेल रहे भू-स्वामियों और शहरी निकायों की व्यावसायिक संपत्तियों के किराएदारों के अच्छे दिन आ गए हैं। हरियाणा सरकार ने इन समस्याओं को खत्म करने के लिए ‘मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना’ और ‘स्वामित्व स्कीम’ शुरू की है। आज गुरुवार को गुरुग्राम के मानसेर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी इस योजना के लाभार्थियों को रजिस्ट्रियां और शहरी लाल डोरा संपत्ति प्रमाण-पत्र सौंपेंगे।
लाल डोरा का इतिहास और समस्याएं (Lal Dora Scheme History)
लाल डोरा सिस्टम अंग्रेजों द्वारा 1908 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य आबादी और कृषि भूमि को अलग-अलग दिखाना था। लाल डोरा के तहत आने वाली जमीनों को बिल्डिंग बायलॉज, निर्माण-कार्य और नगरपालिका कानूनों से छूट प्राप्त है। लेकिन स्वामित्व का पुख्ता प्रमाण न होने के कारण इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में मुश्किलें आती थीं।
गांवों में सफलता के बाद अब शहरों की बारी
हरियाणा सरकार ने पहले गांवों को लाल डोरा से मुक्त करने के लिए योजना शुरू की, जिसमें सभी मकानों और भूखंडों की रजिस्ट्रियां कब्जाधारियों के नाम कर दी गईं। अब ‘मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना’ के तहत शहरों को लाल डोरा से मुक्त किया जा रहा है।
योजना का उद्देश्य और लाभ
‘मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना’ जून 2021 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत 31 दिसंबर 2021 तक जिन शहरी निकायों की दुकानों या मकानों पर 20 साल का कब्जा पूरा हो चुका था, वे कब्जाधारी मालिकाना हक पाने के योग्य हैं। इस योजना का फायदा लगभग 25 हजार लोगों को मिलेगा और हरियाणा सरकार को लगभग एक हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया Lal Dora Scheme Apply Process
इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने www.ulb.shops.ulbharyana.gov.in पोर्टल बनाया है। इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। सरकार ने घोषणा की है कि जो किरायेदार या लीज धारक अपने दावे प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं, उन्हें 15 दिन के लिए पोर्टल पर आवेदन करने का एक और मौका दिया जाएगा।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज Lal Dora Scheme Documents
आवेदकों को सेल्फ सर्टिफाइड लेटर के जरिए बताना होगा कि वे कितने साल से संपत्ति पर काबिज हैं। इसके साथ ही साइट प्लान, बिजली या पानी कनेक्शन का बिल, किराये की रसीद, फायर एनओसी जैसे दस्तावेज देने होंगे।
कम पैसे में रजिस्ट्रेशन
इस योजना के तहत 20 साल से अधिक समय से किराए या लीज पर काबिज लोग कलेक्टर रेट पर 50 से 80 फीसदी तक की छूट पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जितने साल से जमीन पर कब्जा है, उसके हिसाब से छूट मिलेगी।
खबर की मुख्य बातें:
- लाल डोरा से मुक्ति के लिए हरियाणा सरकार की बड़ी पहल।
- ‘मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना’ के तहत 20 साल से अधिक समय से कब्जा करने वालों को मालिकाना हक मिलेगा।
- ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज।
- रजिस्ट्रेशन के लिए कलेक्टर रेट पर 50 से 80 फीसदी तक की छूट।
हरियाणा में लाल डोरा से मुक्ति की इस पहल से भू-स्वामियों और किराएदारों को राहत मिलेगी और संपत्ति के मालिकाना हक की समस्याएं दूर होंगी।