गुरुग्राम, नई दिल्ली – Lal Dora Scheme in Haryana: हरियाणा सरकार ने लंबे समय से शहरों में लाल डोरा का दंश झेल रहे भू-स्वामियों और शहरी निकायों की व्यावसायिक संपत्तियों के किराएदारों को राहत देने के लिए नई योजना लागू की है। सरकार ने सर्वे कराकर संपत्ति मालिकों के नाम रजिस्ट्री कराने और किराएदारों को व्यावसायिक संपत्तियों का मालिकाना हक देने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना और स्वामित्व स्कीम के तहत 20 साल या उससे अधिक समय से संपत्ति पर काबिज किराएदार कलेक्टर रेट से 20 से 50 फीसदी कम राशि का भुगतान करके मालिक बन सकते हैं। इस योजना के लाभार्थियों को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी आज गुरुग्राम के मानसेर में आयोजित एक राज्य स्तरीय समारोह में रजिस्ट्री और शहरी लाल डोरा संपत्ति प्रमाण-पत्र देंगे।
लाल डोरा प्रणाली का इतिहास
लाल डोरा प्रणाली की शुरुआत 1908 में अंग्रेजों द्वारा की गई थी, जिसमें खेतीबाड़ी की जमीन और आबादी को अलग-अलग दिखाने के लिए नक्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खींची जाती थी। इस प्रणाली के तहत आने वाली जमीनों को बिल्डिंग बायलाज और नगरपालिका कानूनों से छूट प्राप्त थी, लेकिन स्वामित्व का पुख्ता प्रमाण न होने के कारण संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में मुश्किलें आती थीं।
गांवों में सफलता के बाद शहरों में लागू
हरियाणा सरकार ने पहले गांवों को लाल डोरा से मुक्त करने के लिए स्कीम लागू की थी, जिससे अब गांव लाल डोरा मुक्त हो चुके हैं। अब सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के माध्यम से शहरों को लाल डोरा से मुक्त करने का निर्णय लिया है।
ऑनलाइन आवेदन और आवश्यक दस्तावेज
इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने एक पोर्टल www.ulb.shops.ulbharyana.gov.in बनाया है, जहां लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए आवेदकों को सेल्फ सर्टिफाइड लेटर, साइट प्लान, बिजली या पानी कनेक्शन का बिल, किराये की रसीद, फायर एनओसी जैसे दस्तावेज जमा करने होंगे।
नए आवेदन के लिए अंतिम मौका
सरकार ने घोषणा की है कि 20 साल पूरे कर चुके किरायेदारों और लीज धारकों को अपने दावे प्रस्तुत करने का एक और मौका दिया जाएगा। इसके लिए 15 दिनों के लिए पोर्टल फिर से खोला जाएगा।
कम पैसे में रजिस्ट्री
इस योजना के तहत 20 साल से किराए या लीज पर काबिज लोग कलेक्टर रेट पर 50 से 80 फीसदी छूट पर रजिस्ट्री करा सकते हैं। उदाहरण के लिए, 20 साल से काबिज व्यक्ति कलेक्टर रेट का 80 फीसदी, 25 साल वाला 75 फीसदी, 30 साल वाला 70 फीसदी, और 50 साल से काबिज व्यक्ति 50 फीसदी भुगतान करके संपत्ति का मालिक बन सकता है।
हरियाणा सरकार की इस पहल से शहरों में लाल डोरा का दंश झेल रहे भू-स्वामियों और किराएदारों के लिए राहत और खुशहाली के नए द्वार खुल गए हैं।