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Microsoft CrowdStrike News, क्यों ठप हुआ सिस्टम, दुनियाभर में मचा हड़कंप

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Microsoft CrowdStrike News, क्यों ठप हुआ सिस्टम, दुनियाभर में मचा हड़कंप

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CrowdStrike, नई दिल्ली: Microsoft 365 की सेवाएं दुनियाभर में ठप होने के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा असर एविएशन सेक्टर, बैंकिंग सर्विसेस और अन्य इमरजेंसी सेवाओं पर पड़ रहा है। इस पूरे आउटेज की वजह CrowdStrike के एक अपडेट को बताया जा रहा है।

CrowdStrike, जो कि एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी है, ने एक बड़ा अपडेट रिलीज किया था। इस अपडेट के कारण लोगों को इस दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, कुछ लोग इसे साइबर अटैक से जोड़कर देख रहे हैं।

क्या हुई है दिक्कत?

शुक्रवार की सुबह Windows पर काम करने वाले लाखों सिस्टम्स पर ब्लू स्क्रीन या शटडाउन होने की समस्या आनी शुरू हुई। इस दिक्कत की वजह CrowdStrike के नए अपडेट को माना जा रहा है। इस अपडेट में कॉन्फिग्रेशन गलत हो गया, जिसके चलते Microsoft 365 यूजर्स प्रभावित हुए हैं।

CrowdStrike के CEO George Kurtz ने X (पूर्व में ट्विटर) पर इस बारे में पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि वे अपने कस्टमर्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यह समस्या विंडोज होस्ट के लिए जारी एक अपडेट के कारण हुई है। इसका असर मैक और Linux पर नहीं पड़ा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कोई साइबर अटैक नहीं है।

टेक्निकल गड़बड़ी या साइबर अटैक?

कई लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह सिर्फ एक टेक्निकल गड़बड़ी है या फिर किसी साइबर अटैक की वजह से दुनियाभर के सिस्टम्स ठप हुए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी यूजर्स इस सवाल को उठा रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि यह तकनीकी गड़बड़ी है, लेकिन साइबर अटैक की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता।

डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, टेक एक्सपर्ट Jake Moore ने कहा कि यह CrowdStrike का टेक्निकल फॉल्ट है, लेकिन साइबर अटैक की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

क्या है इसका रूस से कनेक्शन?

CrowdStrike की शुरुआत 2012 में George Kurtz, Dmitri Alperovitch और Gregg Marston ने की थी। Dmitri Alperovitch इसके को-फाउंडर और पूर्व CTO रहे हैं। उनका परिवार 1994 में रूस से अमेरिका शिफ्ट हुआ था। Dmitri Alperovitch इस कंपनी से फरवरी 2020 में अलग हो गए थे। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी कुछ अनुमान लगाए थे। रूस ने उन्हें अपने देश में आने पर बैन लगाया हुआ है।

सोशल मीडिया पर साइबर अटैक की अटकलें

सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे पोस्ट देखने को मिल रहे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि यह एक तरह का साइबर अटैक है। कई एक्सपर्ट्स भी इससे सहमत हैं। साइबर अटैक में अटैकर्स सर्विस प्रभावित करते हैं और इसे ठप करने के कई तरीक़े होते हैं, जिनमें से एक DDOS अटैक होता है। इस तरह के अटैक में एक साथ मल्टीपल रिक्वेस्ट देकर सर्वर को प्रभावित किया जाता है। हालांकि, इस मामले में यह अपडेट की वजह से हुआ है।

माइक्रोसॉफ्ट की चूक?

एक बड़ा सवाल यह भी है कि माइक्रोसॉफ्ट ने CrowdStrike को बिना टेस्टिंग के इतने बड़े अपडेट को वर्ल्डवाइड पुश करने की इजाज़त कैसे दे दी। आमतौर पर किसी सिस्टम के लिए अपडेट जारी करने से पहले उसका ड्राई रन होता है और पहले कुछ सिस्टम्स में अपडेट पुश किया जाता है। इसके बाद चरणों में अपडेट पुश किया जाता है ताकि समस्या आने पर ज्यादा सर्विसेज़ प्रभावित न हों।

इस वजह से भी साइबर अटैक की खबरों को बल मिल रहा है कि इतने बड़े पैमाने पर यह समस्या कैसे हो गई। एक्सपर्ट्स इस मामले की हाई लेवल इन्वेस्टिगेशन की मांग कर रहे हैं ताकि यह साफ हो सके कि यह वास्तव में एक गलती है या फिर किसी की साजिश या साइबर अटैक है।

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