Monsoon 2024: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के शेष भागों में भी प्रवेश कर लिया है। इस प्रकार, यह दो जुलाई तक पूरे देश को कवर कर चुका है, जबकि सामान्यत: यह आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंचता है। मानसून 30 मई को केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहुंचा था, जो सामान्य से दो से छह दिन पहले है।
तेजी से फैला मानसून
आईएमडी ने कहा कि मानसून अपने सामान्य समय से छह दिन पहले ही पूरे भारत में पहुंच गया। यह महाराष्ट्र तक सामान्य रूप से आगे बढ़ा, लेकिन फिर इसकी गति धीमी पड़ गई। इससे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बारिश का इंतजार बढ़ गया तथा उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण गर्मी का प्रकोप और बढ़ गया।
मानसून की प्रगति
क्षेत्र | तिथि |
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केरल | 30 मई |
पूर्वोत्तर | 30 मई |
पूरे भारत | 2 जुलाई |
बिहार सहित इन राज्यों में अगले 4 से 5 दिन भारी बारिश
आईएमडी ने बताया कि अगले चार से पांच दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में मानसून सक्रिय रहेगा। दो से छह जुलाई के दौरान बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। पांच-छह जुलाई को अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। इस अवधि के दौरान गोवा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात के कुछ हिस्सों और तटीय कर्नाटक में भी कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है।
इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना
राज्य | बारिश की संभावना |
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बिहार | 2-6 जुलाई |
अरुणाचल प्रदेश | 2-6 जुलाई |
असम | 2-6 जुलाई, 5-6 जुलाई |
मेघालय | 2-6 जुलाई, 5-6 जुलाई |
पश्चिम बंगाल | 2-6 जुलाई |
सिक्किम | 2-6 जुलाई |
नगालैंड | 2-6 जुलाई |
मणिपुर | 2-6 जुलाई |
मिजोरम | 2-6 जुलाई |
त्रिपुरा | 2-6 जुलाई |
गोवा | 2-6 जुलाई |
मध्य महाराष्ट्र | 2-6 जुलाई |
गुजरात | 2-6 जुलाई |
तटीय कर्नाटक | 2-6 जुलाई |
जुलाई में सामान्य बारिश का अनुमान
आईएमडी ने सोमवार को कहा कि जुलाई में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। भारी वर्षा के कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों और देश के मध्य भाग में नदी घाटियों में बाढ़ आने की आशंका है।
जुलाई का बारिश पूर्वानुमान
- सामान्य से अधिक वर्षा: पूरे भारत में
- बाढ़ की संभावना: पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और देश के मध्य भाग
मॉनसून की इस तेजी से बढ़त ने जहां कुछ क्षेत्रों में राहत पहुंचाई है, वहीं कुछ क्षेत्रों में चुनौतियां भी उत्पन्न की हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करना और सतर्क रहना आवश्यक है।