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Monsoon Forecast: मानसून किसानों के लिए कितना फायदेमंद, जानिए क्या बोले मौसम वैज्ञानिक?

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Monsoon Forecast: मानसून किसानों के लिए कितना फायदेमंद, जानिए क्या बोले मौसम वैज्ञानिक?

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Monsoon 2024 Forecast : भारत में मानसून की बारिश किसानों के लिए जीवनदायिनी है। देश की कृषि अर्थव्यवस्था मानसून पर निर्भर करती है। इस साल मानसून को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। कुछ मौसम वैज्ञानिकों का मानना था कि ‘अल नीनो’ घटना के कारण इस साल मानसून कमजोर रह सकता है। वहीं, कुछ का कहना था कि ‘ला नीना’ घटना के प्रभाव से मानसून सामान्य से अधिक बारिश ला सकता है।

आईएमडी ने 18 मई 2024 को मानसून को लेकर नवीनतम अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट के अनुसार, अल नीनो घटना कमजोर हो रही है, जबकि ला नीना घटना मजबूत हो रही है। आईएमडी का अनुमान है कि इस साल मानसून सामान्य से अधिक बारिश ला सकता है।

मानसून 19 मई को अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पहुंच सकता है। यह निर्धारित समय से 3 दिन पहले है। 20 जून तक मानसून कानपुर मंडल पहुंचने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार झमाझम बारिश होने की संभावना है। किसानों को इससे लाभ होगा। उन्हें शुरुआती सिंचाई में मदद मिलेगी।

मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एसएन सुनील पांडे ने कहा है कि किसानों के लिए सिंचाई काफी महंगी होती है। अच्छी बारिश होने से किसानों को सिंचाई के लिए पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं **पड़ेगी।

आईएमडी ने मानसून को लेकर खुशखबरी दी है। इसके अनुसार, मानसून 2024 निर्धारित समय से 3 दिन पहले भारत में प्रवेश करेगा। 19 मई को अंडमान निकोबार से भारत में आने की संभावना है। इस बार मानसून मजबूती का संकेत दे रहा है। यह 1 जून को केरल और 10 जून को महाराष्ट्र में प्रवेश कर सकता है।

मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एसएन सुनील पांडे ने बताया कि ‘अल नीलो’ के कमजोर होने के साथ ‘ला नीना’ सक्रिय हो रहा है। यह अच्छे मानसून के अनुकूल है। पिछले साल 2023 में मानसून 8 जून को प्रवेश किया था और 2 जुलाई तक पूरे भारत में अपनी चपेट में **ले लिया था। मानसून 2024 एक सप्ताह अधिक समय तक सक्रिय रहेगा।

वैसे तो हर साल जून के प्रथम सप्ताह में मानसून की हलचल दिखाई पड़ती है और नवंबर के अंत तक वापस हो जाता है। इस साल मानसून निर्धारित समय से पहले आने और एक सप्ताह अधिक समय तक सक्रिय रहने की संभावना है। इससे देशभर में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।

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‘अल नीनो’ और ‘ला नीना’ का मानसून पर प्रभाव

‘अल नीनो’ और ‘ला नीना’ प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान में परिवर्तन से उत्पन्न होने वाली जलवायु घटनाएं हैं। इन घटनाओं का भारत में मानसून पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। ‘अल नीनो’ घटना के दौरान, प्रशांत महासागर के पूर्वी भाग में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से अधिक होता है। इसके कारण भारत में कम बारिश होती है। ‘ला नीना’ घटना के दौरान, प्रशांत महासागर के पूर्वी भाग में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से कम होता है। इसके कारण भारत में अधिक बारिश होती है।

इस साल मानसून की संभावना

आईएमडी ने इस साल मानसून में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग का मानना ​​है कि ‘अल नीनो’ के कमजोर होने और ‘ला नीना’ के मजबूत होने से इस साल भारत में अच्छी बारिश होगी। आईएमडी ने कहा है कि देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

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