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Monsoon in India: भारत में हुई मानसून की एंट्री, जल्द होगी बारिश

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Monsoon in India: भारत में हुई मानसून की एंट्री, जल्द होगी बारिश

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Monsoon in India: भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए राहतभरी खबर है। गुरुवार 30 मई, 2024 को केरल तट और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में मानसून दस्तक दे सकता है। इससे अलग-अलग राज्यों में मौसम खुशनुमा हो सकता है। कुछ जगह तेज बारिश का अनुमान भी है।

दक्षिण पश्चिम मानसून पूर्वानुमान से एक दिन पहले यानी गुरुवार को ही केरल तट और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में दस्तक दे रहा है। अब कुछ ही घंटों में मानसून के पहुंचने की संभावना है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार 29 मई, 2024 को कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी रहेंगी। मौसम कार्यालय ने 15 मई को केरल में 31 मई तक मानसून के दस्तक देने का पूर्वानुमान लगाया था।

मानसून जल्द आने का कारण

मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे चक्रवात रेमल ने मानसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया है। जो पूर्वोत्तर में मानसून के जल्दी आने का एक कारण हो सकता है।

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार केरल में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप मई में सामान्य से अधिक बारिश हुई है।

पूर्वोत्तर के राज्यों में मानसून की समय

पूर्वोत्तर के राज्य अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि पांच जून है। आईएमडी ने इस पर कहा, इस अवधि के दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मालदीव, कोमोरिन, लक्षद्वीप के शेष हिस्सों, दक्षिण-पश्चिम और मध्य बंगाल की खाड़ी, उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।

कब होती है मानसून की घोषणा

IMD केरल में मानसून के आगमन की घोषणा तब करता है, जब 10 मई के बाद किसी भी समय केरल के 14 केंद्रों और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी या उससे अधिक वर्षा होती है, आउटगोइंग लॉन्ग वेव रेडिएशन (ओएलआर) कम होता है और हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिमी की ओर होती है।

मानसून का प्रभाव

मानसून भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की अधिकांश वर्षा लाता है। कृषि, जल संसाधन और अर्थव्यवस्था के लिए मानसून की बारिश अत्यंत महत्वपूर्ण है। मानसून के आगमन से किसानों में खुशी की लहर दौड़ जाती है क्योंकि वे अपनी फसलों की बुवाई और सिंचाई के लिए पानी की उम्मीद करते हैं।

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