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Bihar main Monsoon: बिहार में इस दिन आएगी मानसून, मौसम विभाग ने दी बड़ी जानकारी

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Bihar main Monsoon: बिहार में इस दिन आएगी मानसून, मौसम विभाग ने दी बड़ी जानकारी

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Bihar main Monsoon: बिहार में मानसून का आगमन हर साल एक महत्वपूर्ण घटना होती है, जो राज्य के कृषि और आर्थिक स्थिति पर बड़ा प्रभाव डालती है। इस वर्ष 2024 में मानसून के आगमन को लेकर मौसम विभाग (IMD) ने कई अहम जानकारियां दी हैं, जिनसे हमें इस वर्ष होने वाली बारिश के बारे में समझने में मदद मिलती है।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी

मौसम विभाग की मानें तो इस साल बिहार में मानसून 13 जून से 18 जून के बीच दस्तक देगा। इस अवधि के दौरान बिहार में अच्छी खासी बारिश होने की संभावना है, जिससे कृषि और जल स्रोतों को बढ़ावा मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष बारिश के आंकड़े पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं।

बंगाल की खाड़ी का रेमल तूफान

बिहार में बारिश की स्थिति पर बंगाल की खाड़ी में उठने वाला रेमल तूफान भी बड़ा असर डाल सकता है। इस तूफान की वजह से पूरे बिहार में मौसम का मिजाज बदल गया है और कई जिलों में बारिश होने की संभावना बढ़ गई है।

मौसम का मिजाज ठंडा

मौसम विभाग के अनुसार, बिहार में अगले महीने मानसून आने से पहले ही मौसम का मिजाज ठंडा हो गया है। कई जिलों में बादल छाए रहेंगे और बारिश की संभावना है।

24 मई के लिए मौसम का अनुमान

24 मई के लिए मौसम विभाग ने बिहार के 18 जिलों में बारिश का अनुमान जताया है। इनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, भोजपुर, सारण, बक्सर, भभुआ, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, मधुबनी, पूर्णिया और कटिहार शामिल हैं।

पिछले साल का मानसून

2023 में मानसून ने 13 जून को बिहार में प्रवेश किया था। पूर्णिया जिले में सबसे पहले मानसून पहुंचा था। पिछले साल ऐसा पहली बार हुआ था जब मानसून तय तिथि पर बिहार पहुंचा था, और ऐसा 17 वर्षों में पहली बार हुआ था।

मानसून का महत्व

बिहार में मानसून का समय पर आना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह राज्य की कृषि और जल संसाधनों पर सीधा प्रभाव डालता है। मानसून के समय पर आगमन से फसल की बुवाई समय पर हो पाती है और किसानों को बेहतर उत्पादन मिलता है।

कृषि पर प्रभाव

बिहार में अधिकांश किसान खरीफ फसलों जैसे धान, मक्का, और दालों की बुवाई मानसून पर निर्भर करते हैं। समय पर मानसून आने से इन फसलों की बुवाई सही समय पर हो जाती है, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।

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