MP Weather Report: (भोपाल) मध्य प्रदेश में मौसम आंख मिचौली का खेल, खेल रहा है। गुरुवार को भी प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बूंदाबांदी हुई। जबकि कुछ हिस्सों में तेज गर्मी भी पड़ी। इसके साथ ही मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में बारिश होने अनुमान जताया है।
गुरुवार को इन जिलों में हुआ अधिकतम तापमान
गुरुवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों का मौसम शुष्क बना रहा। इस कारण तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई। कई जिलों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच गया। प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान ग्वालियर में 43.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। नौगांव में 43, दमोह में 42.5, सतना में 42, टीकमगढ़ में 42.5, भोपाल में 40.7, इंदौर में 39.8, खंडवा में 42.5, उज्जैन में 41.4 और रतलाम में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
शुक्रवार को इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में आंधी तूफान और बारिश की चेतावनी जारी की है। नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पांढुर्णा जिला में कहीं-कहीं हल्की बारिश वज्रपात और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
इन जिलों में येलो अलर्ट
इन जिलों के अलावा नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, सागर, बुरहानपुर, खंडवा और खरगोन जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
इन जिलों में गरज और चमक के साथ बौछारें
इसके अलावा नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, झाबुआ, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, सागर और पांढुर्णा जिला में भी कहीं-कहीं गरज और चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
मौसम बदलने की वजह
मौसम विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि पश्चिमी विक्षोभ, दो चक्रवाती मौसम तंत्र और ट्रफ लाइन की वजह से प्रदेश में बारिश, ओले और आंधी वाला मौसम चल रहा है।
17 मई को सक्रिय होगा एक और पश्चिमी विक्षोभ
मौसम विशेषज्ञ पीके साहा ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को बताया कि 17 मई शुक्रवार को उत्तर भारत में एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इसका असर 2-3 दिन बाद यानी, 20 मई से प्रदेश के कुछ हिस्सों में देखने को मिल सकता है। कई जिलों में बारिश की गतिविधि बढ़ सकती हैं।
किसानों के लिए अलर्ट
मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे मौसम के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए अपनी फसलों की देखभाल करें। बारिश और ओले से फसलों को नुकसान हो सकता है। किसानों को अपने खेतों से पानी निकालने का भी ध्यान रखना चाहिए।