पिछले एक सप्ताह में प्याज के खुदरा भाव दोगुने हो गए हैं, जिससे रसोई में प्याज के तड़के की महक और स्वाद गायब होते नजर आ रहे हैं। फसल कटाई के समय 20 से 25 रुपए प्रति किलो बिकने वाला प्याज अब 50 से 60 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। कई शहरों में प्याज के खुदरा भाव 40 से 50 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। जयपुर के न्यू सांगानेर रोड मार्केट में सीकर का मीठा लाल प्याज 50 से 60 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है। लाल और सफेद प्याज के भावों में भी कोई खास फर्क नहीं है।
क्यों महंगा हुआ प्याज
जोधपुर के मथानिया और भोपालगढ़ से होने वाली आवक आधी हो गई है. छपरे में भीषण गर्मी के कारण प्याज बिगड़ गए. यहां से पचास गाड़ी रोजाना आती थी, जो कि अब 20 से 25 गाड़ी रह गई है. इस बार बगरू और सीकर से भी प्याज की आवक कम हो गई है. नासिक में भी प्याज के भाव बढ़ रहे हैं. फिलहाल नासिक से आवक की गति धीमी चल रही है. मुहाना मंडी में 30 से 35 गाड़ी ही आ रही है, जबकि मांग 50 गाड़ी से अधिक है. अलवर की खेरथल मंडी से अभी नई फसल आने में दो माह लगेंगे. मुहाना मंडी में गुरुवार को 25 से 30 रुपए प्रति किलो प्याज बिका.
नुकसान के कारण इस बार सीकर में प्याज कम
प्याज उत्पादन के मामले में सीकर, देश के अग्रिम जिलों में से एक है. यहां के मीठे लाल प्याज देश के अलग-अलग राज्यों में भेजे जाते हैं. इस बार सीकर में प्याज की पैदावार कम है. इसका कारण यह है कि पिछली बार किसानों को प्याज के अच्छे भाव नहीं मिले. इसलिए उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं हुआ. वहीं जिन किसानों ने प्याज का स्टॉक करके रखा था, अधिक बारिश के कारण वह खराब हो गए. इससे उन्हें सस्ते में वह प्याज बेचना पड़ा. इसलिए सीकर के किसानों को लगातार प्याज में हो रहे नुकसान के कारण अधिकांश किसानों ने प्याज की खेती करना अब बंद कर दिया है.