Rajasthan Weather News: गर्मी का कहर अब बाड़मेर और आसपास के क्षेत्रों में अपने चरम पर है। बाड़मेर में अधिकतम तापमान 48.8 डिग्री तक पहुँच गया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और भी अधिक गर्मी की चेतावनी दी है, जिसके अनुसार जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर जिलों में तापमान 50 डिग्री तक पहुँच सकता है। इस बीच, जैसलमेर का वर्तमान तापमान 47.5 डिग्री और बीकानेर का 46.5 डिग्री दर्ज किया गया है।
बाड़मेर में बढ़ती गर्मी का प्रभाव
बाड़मेर में गर्मी ने जीवन को कठिन बना दिया है। भीषण गर्मी के कारण बालोतरा में एक ही दिन में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। रामसर में एक युवक ने सड़क पर ही दम तोड़ दिया। तापमान लगातार 48 घंटे से 48 डिग्री के पार चल रहा है, जिससे लोग बेहाल हो चुके हैं।
राजकीय अस्पताल बाड़मेर में गर्मी का असर
राजकीय अस्पताल बाड़मेर में गर्मी का प्रभाव साफ देखा जा सकता है। एसी वाले वार्ड में भी एसी ने जवाब देना शुरू कर दिया है, और कूलर लगवाने पड़े हैं। अस्पताल में डेढ़ टन तक के एसी का भी यह हाल है कि दोपहर 1 बजे के बाद कूलिंग बंद हो जाती है। अस्पताल प्रबंधन ने किराए पर कूलर मंगवाकर राहत पहुँचाने की कोशिश की है।
तामलोर गांव में 50 डिग्री का तापमान
बाड़मेर जिले के तामलोर गांव में तापमापी के अनुसार तापमान 50 डिग्री तक पहुँच गया है। स्थानीय लोगों ने अपनी कारों में 49 से 50 डिग्री के बीच तापमान दर्ज किया है। यह दर्शाता है कि बॉर्डर क्षेत्रों में गर्मी का प्रकोप और भी अधिक है।
चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर
बाड़मेर जिले में लू, हीटवेव और गर्मी को लेकर चिकित्सा विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी गई हैं और डिस्कॉम तथा जलदाय विभाग के अधिकारी भी अवकाश पर नहीं रहेंगे। उपखंड अधिकारी, तहसीलदारों को जिला कलेक्टर ने अपडेट रहने और अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। चिकित्सा संस्थानों पर लू-तापघात के प्रबंधन के लिए आवश्यक उपकरणों की क्रियाशीलता और पर्याप्त मात्रा में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। प्रतिदिन प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी और सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
गर्मी से बचाव के उपाय
स्वास्थ्य देखभाल
गर्मी के इस प्रकोप से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ बरतनी आवश्यक हैं। लोगों को दिन के सबसे गर्म समय में बाहर निकलने से बचना चाहिए। तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाना, खासकर पानी, नींबू पानी और नारियल पानी, अत्यंत आवश्यक है। हल्के और सूती कपड़े पहनने चाहिए और जितना संभव हो सके, छाया में रहना चाहिए।
सरकारी प्रयास
सरकार ने भी गर्मी से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। जलदाय विभाग ने सुनिश्चित किया है कि पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से हो। बिजली विभाग ने बिजली कटौती से बचने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं ताकि लोग अपने कूलिंग उपकरणों का उपयोग कर सकें। चिकित्सा विभाग ने सभी अस्पतालों में गर्मी से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
गर्मी के प्रभाव से निपटने के लिए सामुदायिक प्रयास
सामुदायिक स्तर पर भी गर्मी से निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं। गाँवों में पेड़-पौधे लगाने, और पानी के स्रोतों को संरक्षित करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। स्वयंसेवी संस्थाएँ भी लोगों को गर्मी से बचने के उपाय बता रही हैं और जरूरतमंदों को पानी और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रही हैं।
खेतिहर मजदूरों और पशुपालकों के लिए विशेष निर्देश
गर्मी का सबसे ज्यादा असर खेतिहर मजदूरों और पशुपालकों पर पड़ता है। इन्हें दिन के समय खेतों में काम करने से बचने की सलाह दी गई है और पशुओं के लिए पर्याप्त पानी और छाया की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। कृषि विभाग भी किसानों को गर्मी से बचाव के लिए आवश्यक सलाह और सहायता प्रदान कर रहा है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान
शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। लोगों को गर्मी से होने वाली बीमारियों के लक्षण और उनसे बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। स्कूलों में भी बच्चों को गर्मी से बचाव के उपाय सिखाए जा रहे हैं ताकि वे घर जाकर अपने परिवार वालों को भी जागरूक कर सकें।