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हरियाणा में लाल डोरा वाली प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री शुरू, सरकार ने शुरू की ये स्कीम

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हरियाणा में लाल डोरा वाली प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री शुरू, सरकार ने शुरू की ये स्कीम

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हरियाणा में लाल डोरा वाली प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री शुरू, सरकार ने शुरू की ये स्कीम
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IMD Weather, नई दिल्ली। हरियाणा सरकार ने शहरों में लाल डोरा क्षेत्र में रहने वाले भू-स्‍वामियों और शहरी निकायों की व्‍यावसायिक संपत्तियों के किराएदारों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुग्राम में एक राज्य स्तरीय समारोह में शहरी स्वामित्व योजना की शुरुआत की। इस योजना का लाभ फरीदाबाद के करीब 60 गांवों को मिलेगा, जिससे आठ लाख से ज्यादा लोग अपने घरों और जमीनों के कानूनी दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे।

लाल डोरा क्षेत्र का इतिहास और समस्या

लाल डोरा प्रणाली 1908 में अंग्रेजों ने शुरू की थी। इसका उद्देश्य खेतीबाड़ी की जमीन और आबादी को अलग-अलग दिखाने के लिए नक्शे पर लाल लाइन खींचना था। लाल डोरा क्षेत्र में आने वाली जमीनें नगरपालिका कानूनों और निर्माण-कार्य के नियमों से मुक्त होती हैं। लेकिन स्वामित्व का पुख्ता प्रमाण न होने के कारण इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त मुश्किल होती थी और बैंक लोन भी नहीं मिलता था।

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना

हरियाणा सरकार ने पहले गावों को लाल डोरा से मुक्त करने के लिए योजना चलाई थी। अब “मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना” के तहत शहरों को लाल डोरा से मुक्त करने का काम हो रहा है। जून 2021 में तैयार की गई इस योजना के तहत, 31 दिसंबर 2021 तक जिन शहरी निकायों की दुकानों या मकानों पर 20 साल का कब्जा हो चुका है, उनके कब्जाधारियों को मालिकाना हक मिलेगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल (www.ulb.shops.ulbharyana.gov.in) भी बनाया है।

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और लाभ

लाल डोरा क्षेत्र में रहने वाले लोग अब अपने मकानों और जमीनों की रजिस्ट्री करा सकेंगे। 20 साल या उससे अधिक समय से कब्जा किए हुए किराएदार कलेक्टर रेट पर 50 से 80 फीसदी छूट पाकर मालिक बन सकते हैं। योजना के तहत, 20 साल से कब्जा किए व्यक्ति कलेक्टर रेट का 80 फीसदी, 25 साल वाले 75 फीसदी, 30 साल वाले 70 फीसदी, 35 साल वाले 65 फीसदी, 40 साल वाले 60 फीसदी, 45 साल वाले 55 फीसदी और 50 साल वाले 50 फीसदी भुगतान कर संपत्ति का मालिक बन सकते हैं।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत आवेदन के लिए आवेदकों को सेल्फ सर्टिफाइड लेटर, साइट प्लान, बिजली या पानी का बिल, किराये की रसीद, फायर एनओसी जैसे दस्तावेज अपलोड करने होंगे।

नया मौका और योजना की प्रशंसा

सरकार ने घोषणा की है कि जिन लोगों ने अपने दावे प्रस्तुत नहीं किए हैं, उन्हें एक और मौका दिया जाएगा। इसके लिए 15 दिनों के लिए पोर्टल को फिर से खोला जाएगा। स्थानीय निवासी शकील, राकेश और बिजेंद्र ने इस योजना की सराहना की और कहा कि इससे उनकी संपत्ति के कानूनी दस्तावेज प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जो उनके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। नगर निगम के पूर्व वरिष्ठ योजनाकार रवि सिंघला ने भी योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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