Monsoon 2024 in India: भारत के लिए मॉनसून का आगमन एक महत्वपूर्ण घटना है। यह देश की अर्थव्यवस्था, कृषि और सामाजिक जीवन को गहराई से प्रभावित करता है। मॉनसून की बारिश देश की नदियों, झीलों और जलाशयों को भर देती है, जिससे पीने और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होता है। यह बारिश फसलों को भी विकसित होने में मदद करती है, जिससे किसानों को अच्छी पैदावार मिलती है।
केरल में दस्तक, पूरे देश में फैलाव
2024 में, मॉनसून ने 29 मई को केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में दस्तक दी। यह सामान्य तारीख से लगभग एक सप्ताह पहले था। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मॉनसून धीरे-धीरे पूरे देश में फैल रहा है और 15 जून तक मध्य प्रदेश पहुंचने की उम्मीद है।
मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में 15 जून तक मॉनसून पहुंचने की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) भोपाल केंद्र के मौसम विज्ञानी प्रमेंद्र कुमार ने बताया कि मध्य प्रदेश में 15 जून के आसपास या अपने सामान्य समय से एक या दो दिन पहले मानसून आने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि इस सीजन में राज्य में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। वहीं राज्य की औसत बारिश 949 मिमी है। पिछले साल मध्य प्रदेश में मॉनसून 25 जून को आया था, लेकिन कुछ ही समय में मॉनसून ने पूरे राज्य को कवर कर लिया था।
राज्य | तारीख |
अंडमान निकोबार | 22 मई |
बंगाल की खाड़ी | 26 मई |
केरल, तमिलनाडु | 1 जून |
कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और असम का कुछ हिस्सा | 5 जून |
महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का ऊपरी हिस्सा, पश्चिम बंगाल | 10 जून |
गुजरात व मध्य प्रदेश की सीमा, छत्तीसगढ़, ओडिशा झारखंड और बिहार | 15 जून |
गुजरात के आंतरिक इलाकों, एमपी के मध्य हिस्सों और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से | 20 जून |
गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर | 25 जून |
राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब | 30 जून |
राजस्थान | 5 जुलाई |
केरल और पूर्वोत्तर में एक साथ शुरुआत, चार बार पहले भी हो चुका है ऐसा
केरल और उत्तर-पूर्व में मॉनसून की एक साथ शुरुआत काफी दिलचस्प है। ऐसा पहले भी चार बार हो चुका है। साल 2017, 1997, 1995 और 1991 में मॉनसून केरल और उत्तर-पूर्व राज्यों में एक साथ पहुंचा था।
ला नीना और हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) स्थितियां इस साल अच्छे मॉनसून के लिए अनुकूल है।
मौसम विभाग की मानें तो देश में अल नीनो प्रणाली कमजोर हो रही है और ला नीना स्थितियां सक्रिय हो रही हैं, जो इस साल अच्छे मॉनसून के लिए अनुकूल है। इसी के चलते भारत में मॉनसून ने समय से पहले दस्तक दी है।