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Aaj Ka Mausam: चिलचिलाती धूप से अभी और तपेगा दिल्ली, UP-बिहार, चलेगी लू, जानिए कब मिलेगी राहत

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Aaj Ka Mausam: चिलचिलाती धूप से अभी और तपेगा दिल्ली, UP-बिहार, चलेगी लू, जानिए कब मिलेगी राहत

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Aaj Ka Mausam: देश इस समय दो मौसमों के विचित्र द्वंद्व का सामना कर रहा है। एक ओर, उत्तर भारत में अत्यधिक गर्मी का प्रकोप है, वहीं दूसरी ओर, दक्षिण भारत में भारी बारिश हो रही है। मानो अग्नि और जल मिलकर प्रलय मचा रहे हों।

उत्तरी भारत में लू का कहर

राजधानी दिल्ली सहित पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में लू का प्रचंड तांडव जारी है। तापमान 47 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है, जिससे लोग बेहाल हैं। मानो सूर्य देवता ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया हो।

दक्षिण भारत में भारी बारिश

इसके विपरीत, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश हो रही है। IMD ने केरल के चार जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़ और मलप्पुरम में भारी बारिश का अंदाजा है। मानो इंद्र देवता प्रसन्न होकर धरती को सींच रहे हों।

अगले कुछ दिनों का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में उत्तर भारत में लू का प्रकोप जारी रहेगा। वहीं, दक्षिण भारत में भारी बारिश हो सकती है। तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

जनता को सतर्कता बरतने की सलाह

इस भीषण गर्मी और बारिश के बीच, लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। गर्मी से बचाव के लिए, लोगों को हल्के रंग के कपड़े पहनने, खूब पानी पीने और घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। वहीं, बारिश से बचाव के लिए, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और जलभराव वाले क्षेत्रों से बचने की सलाह दी गई है।

यह मौसम परिवर्तन का ही परिणाम है

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह अत्यधिक गर्मी और भारी बारिश जलवायु परिवर्तन का ही परिणाम है। मानव गतिविधियों के कारण ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ रहा है, जिससे धरती का तापमान बढ़ रहा है और मौसम में बदलाव हो रहा है।

हमें क्या करना चाहिए?

इस विकट परिस्थिति से निपटने के लिए, हमें जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़नी होगी। हमें ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम करने के लिए प्रयास करने होंगे और पर्यावरण की रक्षा करनी होगी। तभी हम आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर भविष्य दे पाएंगे।

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