Weather in Punjab: पंजाब में कहर बरपा रही भीषण गर्मी के बीच आंधी-तूफान और बारिश ने दस्तक दी है, जिससे लोगों को भारी राहत मिली है। पिछले कुछ दिनों से प्रचंड गर्मी से जूझ रहे पंजाब के अधिकतर जिलों में तापमान में 4-5 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है।
गर्मी से जानलेवा स्थिति: दो और मौतें
हालांकि, गर्मी का कहर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। बठिंडा और फाजिल्का में गर्मी से दो और लोगों की मौत हो गई है, जिससे पंजाब में गर्मी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है। इन घटनाओं ने राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आंधी-तूफान और बारिश की शुरुआत: सीमावर्ती इलाकों से राहत
आंधी-तूफान और बारिश की शुरुआत पंजाब के जम्मू-कश्मीर के साथ लगे सीमावर्ती इलाकों से हुई। शाम 7 बजे के आसपास पठानकोट, नरोट जैमल सिंह, भोआ और सुजानपुर इलाकों में लगभग आधे घंटे तक बारिश हुई। इसके बाद, तूफान ने विभिन्न जिलों में दस्तक दी, जिसमें जालंधर और आसपास के इलाकों में रात 8:30 बजे के करीब तेज आंधी चलने लगी।
जालंधर और आसपास के जिलों में बारिश
जालंधर और इसके आसपास के कई जिलों में आंधी-तूफान के बाद बारिश ने गर्मी से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत प्रदान की। यहां के निवासी लंबे समय से भीषण गर्मी से परेशान थे और यह बारिश उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं थी।
तापमान में गिरावट: प्रमुख शहरों का हाल
इस मौसम परिवर्तन के चलते तापमान में स्पष्ट गिरावट दर्ज की गई। बठिंडा और अमृतसर का अधिकतम तापमान 42.4 डिग्री, लुधियाना का 41.6 डिग्री, पठानकोट का 41.5 डिग्री, पटियाला का 41.6 डिग्री, जबकि आसपास के इलाकों का तापमान 41 डिग्री के आसपास रहा। इन जिलों में तापमान में कमी ने जनजीवन को थोड़ी राहत दी है।
बारिश और आंधी-तूफान ने जहाँ एक तरफ गर्मी से राहत दिलाई है, वहीं दूसरी तरफ कुछ चुनौतियाँ भी खड़ी की हैं। किसानों के लिए यह बारिश वरदान साबित हो सकती है, क्योंकि इससे उनकी फसलों को पानी मिलेगा और भूमि की नमी बढ़ेगी। दूसरी ओर, आंधी-तूफान से कुछ जगहों पर पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी समस्याएं भी सामने आई हैं।
गर्मी के मौसम में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा समय तक धूप में रहने से बचना चाहिए और भरपूर पानी पीना चाहिए। बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि ये सबसे ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
आंधी-तूफान के दौरान सुरक्षित स्थान पर रहना चाहिए और बिजली के उपकरणों से दूर रहना चाहिए। अगर बाहर जाना जरूरी हो तो सिर को ढककर निकलें और पेड़ों या कमजोर संरचनाओं के नीचे खड़े न हों।