Weather Today 15 May 2024: भारत में मौसम का मिजाज इस समय काफी बदलाव है। देश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और तूफान देखने को मिल रहे हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों में गर्मी का दौर फिर से शुरू होने की आशंका है।
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 16 मई से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान और गोवा में लू का दौर दोबारा शुरू होने का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, 15 मई को ओडिशा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है। अनुमान है कि इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 41 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है।
15 मई को भारत में मौसम का हाल
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, 15 मई को देश के विभिन्न क्षेत्रों में मौसम का हाल
दक्षिण भारत:
दक्षिणी ओडिशा, आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट, तटीय कर्नाटक, आंतरिक तमिलनाडु और केरल में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ कुछ भारी बारिश की संभावना है। तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दक्षिण तेलंगाना, गुजरात के कुछ हिस्सों, मध्य महाराष्ट्र, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
पूर्वोत्तर भारत:
पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मराठवाड़ा, विदर्भ, दक्षिण मध्य प्रदेश और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर हल्की वर्षा संभव है।
उत्तर भारत:
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार के अधिकांश हिस्सों, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मौसम लगभग शुष्क हो सकता है और इन क्षेत्रों में तापमान बढ़ जाएगा।
देश की मौसमी गतिविधियां
- निम्न दबाव की रेखाएँ: ये रेखाएँ हवा के घूमने के पैटर्न को प्रभावित करती हैं और वर्षा गतिविधि को बढ़ा सकती हैं।
- चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र: ये क्षेत्र कम दबाव वाले क्षेत्र होते हैं जो हवा के घूमने के पैटर्न को बदलते हैं और तूफान और भारी बारिश का कारण बन सकते हैं।
- पश्चिमी विक्षोभ: ये मौसमी प्रणालियाँ ठंडी हवा और गर्म हवा के बीच टकराव से बनती हैं और उत्तरी भारत में बारिश और बर्फबारी का कारण बन सकती हैं।
- पूर्वी हवाएँ: ये हवाएँ बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी लाती हैं और दक्षिण भारत में बारिश का कारण बन सकती हैं।
- दक्षिण पश्चिम मानसून: यह मौसमी प्रणाली जून में भारत आती है और देश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश लाती है।