Wheat Price 11 July 2024 : लगातार बढ़ती महंगाई ने आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। सब्जियों के दाम में वृद्धि के बाद अब गेंहू की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी लोगों को परेशानी में डाल दिया है। बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार ने गेंहू की जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए भंडारण की सीमा तय कर दी है।
गेंहू के भाव (Wheat Price)
वर्तमान में बाजार में गेंहू के भाव 2500-3500 रुपये/क्विंटल चल रहे हैं। पिछले एक साल में गेंहू की कीमतों में 1000-2000 रुपये/क्विंटल की वृद्धि हुई है।
गेंहू के औसत मूल्य:
- पिछले वर्ष: 2900 रुपये/क्विंटल
- गेंहू का आटा: 3800-4500 रुपये/क्विंटल
प्रमुख गेंहू की किस्में और उनकी कीमतें
मंडियों और बाजारों में प्रमुख गेंहू की किस्मों की कीमतें:
- लोकवन
- पूर्णा
- शरबती
- पूसा अहिल्या 1634
- जीडब्लू 513
इनकी कीमतें 2700-3500 रुपये/क्विंटल चल रही हैं।
गेंहू की खरीदी और स्टॉक
गेंहू का खरीद सीजन 30 जून को समाप्त हुआ। इस वर्ष सेंट्रल पुल्ल के लिए 266 मिलियन टन गेंहू खरीदा गया, जो बीते वर्ष से 4 मिलियन टन अधिक है। 1 जुलाई को भारतीय खाद्य निगम (FCI) का गेंहू का स्टॉक 297.60 लाख टन था।
गेंहू की स्टॉक लिमिट
सरकार ने गेंहू की जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर नियंत्रण करने के लिए स्टॉक लिमिट लगाई है।
स्टॉक लिमिट:
- व्यापारी और थोक विक्रेता: 3000 मीट्रिक टन
- खुदरा विक्रेता (Big Chain Retailer): प्रत्येक दुकान के लिए 10 मीट्रिक टन और उनके डिपो पर 3000 मीट्रिक टन
गेंहू का भंडारण:
- अप्रैल 2023: 82 लाख टन
- अप्रैल 2024: 75 लाख टन
अन्य खाद्य पदार्थों की स्टॉक लिमिट
पिछले सप्ताह उपभोक्ता विभाग ने तुअर दाल और चना की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए स्टॉक लिमिट लगाई थी।
हीट वेव का असर:
- गेंहू के अलावा दालों के प्रोडक्शन और प्रोडक्टिविटी पर गहरा असर
- सब्जियों की आवक मंडियों में प्रभावित
उम्मीदें:
- मानसून सीजन के साथ सब्जियों की आवक बढ़ेगी
- खरीफ सीजन में प्याज की फसल की आवक बढ़ेगी
गेंहू के भाव का पूर्वानुमान (जुलाई-दिसंबर 2024)
जबलपुर के कृषि विश्वविद्यालय के अनुसार:
महीना | औसत भाव (रुपये/क्विंटल) |
---|---|
जुलाई 2024 | 2500-3300 |
अगस्त 2024 | 2540-3200 |
सितंबर 2024 | 2564-3250 |
अक्टूबर 2024 | 2570-3400 |
नवंबर 2024 | 2633-3300 |
दिसंबर 2024 | 2624-3300 |
बढ़ती महंगाई और गेंहू की कीमतों में वृद्धि ने आम लोगों के लिए चिंताएं बढ़ा दी हैं। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से उम्मीद है कि स्थिति में सुधार होगा।