Who is Pooja Khedkar: महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों सुर्खियों में हैं।
महाराष्ट्र कैडर की 2022-बैच की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने पिछले दिनों बतौर सिविल सर्वेंट अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया। विवाद बढ़ने पर उन्हें पुणे से मध्य महाराष्ट्र के वाशिम में ट्रांसफर कर दिया गया है, जहां वे अपना प्रशिक्षण का बाकी कार्यकाल 30 जुलाई, 2025 तक पूरा करेंगी। आइए, 5 प्वाइंट्स में जानते हैं आखिर क्यों पूजा खेडकर विवादों में हैं…
- लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट: पूजा खेडकर ने अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया, जिसमें लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट लगी हुई थी। यह प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए अनुमति नहीं है।
- विशेष सुविधाओं की मांग: पूजा ने ट्रेनी अफसरों के लिए उपलब्ध न होने वाली सुविधाओं की मांग की, जैसे कि अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी। ये मांगें 3 जून को आधिकारिक तौर पर ड्यूटी जॉइन करने से पहले ही की गईं, लेकिन अधिकारियों ने इन्हें अस्वीकार कर दिया।
- पिता का दबाव: रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके पिता जो एक सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी हैं, ने जिला कलेक्टर कार्यालय पर दबाव डाला कि उनकी बेटी की मांगें पूरी की जाएं।
- नेम प्लेट विवाद: पूजा पर आरोप है कि उन्होंने पुणे कलेक्टर कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की नेम प्लेट हटा दी, जब उन्हें उनके एंटी-चेंबर के इस्तेमाल की अनुमति दी गई।
- फर्जी प्रमाणपत्र: पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा खेडकर पर फर्जी दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्रों के जरिए सिविल सेवा परीक्षा पास करने का भी आरोप है। इसके अलावा उन्होंने मानसिक बीमारी का सर्टिफिकेट भी जमा किया था। अप्रैल 2022 में उन्हें अपने डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट की जांच के लिए दिल्ली एम्स में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोविड इन्फेक्शन का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया।
पूजा खेडकर के मामले ने प्रशासनिक अधिकारियों के बीच एक बड़ी बहस को जन्म दे दिया है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और पूजा खेडकर पर लगे आरोपों की सच्चाई क्या है।