News

IMD Red Alert कब और कैसे जारी करता है, विस्तार से जाने पूरी जानकारी

×

IMD Red Alert कब और कैसे जारी करता है, विस्तार से जाने पूरी जानकारी

Share this article

IMD Red Alert: भारत में ग्रीष्मकाल के दौरान लू का प्रकोप आम बात है, लेकिन जब हीटवेव के कारण हालात गंभीर हो जाते हैं, तो भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा रेड अलर्ट जारी किया जाता है। आज हम इस लेख में हीटवेव, उसके प्रभाव, और इससे बचने के उपायों पर विस्तृत जानकारी देंगे।

हीटवेव क्या है?

हीटवेव एक ऐसी स्थिति है, जब हवा का तापमान सामान्य से बहुत अधिक बढ़ जाता है। यह न केवल इंसानों के लिए, बल्कि जानवरों और पेड़-पौधों के लिए भी खतरनाक हो सकती है। IMD के अनुसार, मैदानी इलाकों में हीटवेव तब मानी जाती है, जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों में यह सीमा 30 डिग्री सेल्सियस और तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री सेल्सियस होती है।

हीटवेव की चेतावनी कैसे जारी होती है?

IMD हीटवेव की चेतावनी तब जारी करता है, जब मौसम संबंधी उप-मंडल के भीतर कम से कम दो स्टेशनों में कम से कम दो दिनों तक तापमान हीटवेव की सीमा में बना रहता है। दूसरे दिन यह चेतावनी अलर्ट में बदल जाती है।

गंभीर हीटवेव क्या है?

गंभीर हीटवेव तब मानी जाती है, जब तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक बढ़ जाता है। मई महीने के दौरान हीटवेव का प्रभाव अधिकतम होता है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में हीटवेव की स्थिति गंभीर हो सकती है।

हीटवेव रेड अलर्ट को समझना

हीटवेव के लिए रेड अलर्ट एक गंभीर चेतावनी है, जो दर्शाती है कि हीटवेव की स्थिति दो दिनों से अधिक समय तक बनी रहती है या ऐसे दिनों की कुल संख्या छह से अधिक हो जाती है। यह चेतावनी विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों, और पुरानी बीमारियों वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण होती है।

Monsoon Update: इन इलाकों में होगी भारी बारिश! जाने कहां पहुंचा मॉनसून

हीटवेव के प्रभाव

हीटवेव के दौरान शरीर का तापमान बहुत अधिक बढ़ सकता है, जिससे हीट स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, 1998 और 2017 के बीच हीटवेव से 1,66,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

लू के प्रभाव को कम करने के लिए सावधानियाँ

हीटवेव के दौरान निम्नलिखित सावधानियाँ बरतकर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है:

  • धूप में निकलने से बचें: गर्मी अपने चरम पर हो तो बाहर निकलने से बचें, विशेषकर दोपहर से 3 बजे के बीच।
  • हल्के कपड़े पहनें: टोपी, छाते का उपयोग करें और हल्के रंग के, ढीले सूती कपड़े पहनें।
  • हाइड्रेटेड रहें: खूब पानी पिएं, भले ही प्यास न लगी हो। शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक से बचें। इसके
  • बजाय, ओआरएस, घर पर बनी ड्रिंक जैसे लस्सी, नींबू पानी, छाछ और तोरानी का सेवन करें।
  • शरीर को ठंडा रखें: बाहर काम करते समय ठंडे रहने के लिए सिर, गर्दन, चेहरे और अंगों पर गीले कपड़े का उपयोग करें।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now